मुंबई, 29 सितंबर (भाषा) मध्य रेलवे ने मुंबई में लोकल ट्रेनों में यात्रा के लिए फर्जीवाड़ा कर आवश्यक सेवा से जुड़े कर्मियों जैसे पहचान पत्रों का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का फैसला किया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
लोकल ट्रेनों में भीड़भाड़ की शिकायतों के बीच, मध्य रेलवे (सीआर) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शिवाजी सुतार ने पीटीआई-भाषा को बताया कि उन्होंने अब तक फर्जी पहचान-पत्र के साथ 30 लोगों को पकड़ा है और जिनमें से दो के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करायी गयी है।
सुतार ने कहा, ‘‘भविष्य में फर्जी पहचान-पत्र के साथ उपनगरीय लोकल ट्रेनों में यात्रा करने वालों के खिलाफ राजकीय रेलवे पुलिस प्राथमिकी दर्ज करेगी।’’
रेलवे अधिकारियों ने कहा कि उन्हें पता चला है कि कुछ लोग फर्जी क्यूआर-कोड वाले पहचान पत्र बना रहे हैं और शहर के कुछ हिस्सों में इसके लिए लोग 500 रुपये से 600 रुपये तक वसूल रहे हैं।
कोविड-19 महामारी के मद्देनजर, आम नागरिकों को वर्तमान में मुंबई की जीवन रेखा मानी जाने वाली उपनगरीय ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति नहीं है।
वर्तमान में, राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारी, राष्ट्रीयकृत और निजी बैंकों के कर्मचारी, सार्वजनिक उपक्रमों, फार्मा कंपनियों और अन्य आवश्यक सेवाओं में कार्यरत कर्मचारियों को विशेष उपनगरीय ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति है और क्यूआर कोड-आधारित पहचान पत्र उनके लिए अनिवार्य हैं।
भाषा कृष्ण पवनेश
पवनेश
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