राजनांदगांव। देश जहां आधुनिकता और नए अविष्कार के साथ विकास की कई इबारतें लिख रहा है। वहीं देश के इन उपलब्धियां को तब धक्का लगता है। जब समाज में महिलाओं के लिए फैली कुप्रथा उजागर होती। आज भी हमारे समाज में कई रूढ़ीवादी परंपरा फैली है जिससे महिलाओं की आजादी जकड़ी हुई नजर आती है।
Rajnandgaon: Women in Vananchal’s Sitagaon stay in a hut on the outskirts of the village when menstruating as they are not allowed inside homes during this period for fear of god’s wrath. #Chhattisgarh pic.twitter.com/TL43yEC5hw
— ANI (@ANI) June 17, 2018
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में एक ऐसा गांव हैं जहां महिलाओं को मासिक धर्म आने के दौरान गांव में मौजूद एक अलग झोपड़ी में समय गुजारना पड़ता है। सीतागांव और मदनवाड़ा के बीच बसा कोरकट्टा गांव के लोगों के मुताबिक ऐसा नहीं करने पर गांव में कुदरती विपत्ती आ जाती है। पिछले कई सालों से महिलाओं को मासिक धर्म के समय अपने घर को छोड़कर गांव से अलग एक झोपड़ी में बिताना पड़ता है। पीरियड्स के खत्म होने तक महिलाओं का इस झोपड़ी में ही खाना-पीना और गुजारा करना पड़ता है।
Officials of Health department and Women & child development department visit such villages&try to educate people about diseases & infections caused by these orthodox traditions. We encourage them to use sanitary pads:Dr Mithilesh Chaudhary,Chief Medical and Health Officer (CMHO) pic.twitter.com/WGMYsCzfzu
— ANI (@ANI) June 17, 2018
कोरकट्टा गांव में 50 घर हैं, जहां की आबादी 700 है। पीरियड्स के चार दिनों तक महिलाओं को इस झोपड़ी में ही नहाना-खाना और दैनिक क्रियाएं यहीं करनी पड़ती है। मीडिया के माध्यम से खबर मिलने पर जिले के कलेक्टर और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी गांव वाले से मिले और उन्हें समझाया कि पीरियड्स आना नार्मल प्रक्रिया है, इससे संक्रमण नहीं फैलता है।
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लेकिन महिलाओं के लिए ये दिन कष्टप्रद होता है। कलेक्टर ने गांव वालो को मेंस्ट्रल हाईजिन के बारे में बताया और कहा कि ये गलत है। इस समय महिलाओं को अपने घर पर सैनेटरीपैड के इस्तेमाल करते हुए सब काम कर सकती है। कलेक्टर ने अधिकारियों को यहां निशुल्क सैनेटरी नैपकिन बांटने के निर्देश भी दिए।
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कोरकट्टा गांव की महिलाओं ने भी बताया कि गांव की कुल देवी और उनसे जुड़ी आस्था के चलते ऐसा करती हैं। उनको डर है कि नीयम टूटने पर मां नाराज होंगी और गांव पर भारी विपत्ती भी आ सकती है। इसलिए इसको मानना बहुत जरूरी है। इसलिए गलत होते हुए भी इसका पालन करना गलत नहीं है।
वेब डेस्क, IBC24
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