संविलियन के जारी आदेश से शिक्षाकर्मियों में नाराजगी, पदनाम में एलबी जोड़े जाने का विरोध

संविलियन के जारी आदेश से शिक्षाकर्मियों में नाराजगी, पदनाम में एलबी जोड़े जाने का विरोध

संविलियन के जारी आदेश से शिक्षाकर्मियों में नाराजगी, पदनाम में एलबी जोड़े जाने का विरोध
Modified Date: November 29, 2022 / 08:51 pm IST
Published Date: July 7, 2018 2:12 pm IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ में शिक्षाकर्मियों के संविलियन के लिए आदेश तो जारी हो गए हैं, लेकिन शिक्षाकर्मी इन आदेशों से ज्यादा खुश नहीं हैं। उनका कहना है कि जिस तरह से आदेश जारी किए जा रहे हैं, वे मुख्यमंत्री की घोषणा की असल भावना से अलग है। शिक्षाकर्मियों ने इसके खिलाफ स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप से मिलकर अपना विरोध दर्ज करवाया है।

बता दें कि जारी आदेश में पंचायत/नगरीय निकाय के शिक्षकों का संविलियन पश्चात पदनाम शिक्षक(एलबी) और सहायक शिक्षकों का पदनाम सहायक शिक्षक (एलबी) उल्लेखित किया गया है। शिक्षाकर्मियों का कहना है, पूर्व में कहा गया था कि एलबी एक काडर होगा जबकि जारी आदेश में इसे पदनाम दे दिया गया है।

 ⁠

यह भी पढ़ें : 46 साल बाद जेएनयू में होगा दीक्षांत समारोह, जानिए किसलिए हुआ था बंद

छत्तीसगढ़ शिक्षक मोर्चा प्रदेश संचालक संजय शर्मा ने कहा कि, मुख्यमंत्री ने संविलियन करते समय शिक्षाकर्मियों के सम्मान की बात कही थी साथ ही पंचायत मंत्री ने यह स्पष्ट किया था एलबी एक काडर है इसके बावजूद आज जिस प्रकार आदेश जारी कर एलबी शब्द को पदनाम के साथ जोड़ा गया है वह संविलियन की मूल भावना और मुख्यमंत्री की घोषणा के खिलाफ है।

उन्हने कहा कि नियमित शिक्षकों की वरिष्ठता के साथ टकराव से बचने के लिए अलग काडर बनाने की बात कही गई थी, लेकिन अब एलबी को पदनाम के साथ जोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि हम  इसका पुरजोर विरोध करते हैं। उन्होंने बताया कि शिक्षाकर्मियों ने स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप को इस बारे में अवगत करा दिया उन्होंने मामले को देखने की बात कही हैजब तक इस में संशोधन नहीं होगा यह मुख्यमंत्री की घोषणा के साथ न्याय नहीं होगा।

यह भी पढ़ें : जम्मू-कश्मीर में भाजपा के सरकार बनाने की अटकलों को राम माधव ने किया खारिज

वहीं शिक्षक मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी विवेक दुबे का कहना है कि शासन ने पहले 8 वर्ष से कम सेवा अवधि वाले शिक्षाकर्मियों को संविलियन के लाभ से वंचित कर दिया है वेतन विसंगति में सुधार भी नहीं किया गया। इसका हम विरोध कर ही रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब मुख्यमंत्री ने शिक्षाकर्मियों की निष्ठा और समर्पण की तारीफ करते हुए जिस प्रकार के संविलियन की घोषणा की थी उस मूल भावना के विपरीत जाकर ऐसे आदेश जारी किए जा रहे हैं, जिससे शिक्षाकर्मियों में आक्रोश और बढ़ते जा रहा है।

वेब डेस्क, IBC24

 


लेखक के बारे में