सीएम बघेल ने बस्तर में बताया- पत्रकारों के साथ हुआ है अन्याय, इसलिए लिया सुरक्षा कानून बनाने का फैसला

सीएम बघेल ने बस्तर में बताया- पत्रकारों के साथ हुआ है अन्याय, इसलिए लिया सुरक्षा कानून बनाने का फैसला

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  • Publish Date - January 2, 2019 / 05:30 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:57 PM IST

जगदलपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बस्तर दौरे का आज दूसरा दिन है। आज जगदलपुर में वे मीडिया से मुखातिब हुए और कहा कि बस्तर में पत्रकारों के साथ अन्याय हुआ है। साथ ही उन्होंने पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की बात भी कही। वहीं बस्तर विकास प्राधिकरण के दोबारा गठन की बात भी की। बघेल ने कहा कि प्राधिकरण के पदाधिकारी आदिवासी विधायक ही होंगे। जिसकी बैठक हर तीन महीने पर आयोजित की जाएगी। राज्य में पंचायती राज को मजबूत बनाने की बात दोहराई। तेंदूपत्ता बोनस को बढ़ाने का वादा भी किया। मुख्यमंत्री ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि आदिवासियों के खिलाफ दर्ज मुकदमों की समीक्षा के बाद शासन स्तर पर इन्हें वापस लिया जाएगा। नक्सल समस्या को लेकर उन्होंने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए हर तबके से बात करूंगा। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मैने कभी नहीं कहा कि मैं माओवादियों से बात करूंगा। निर्माण कार्यों में स्थानीय लोगों को तवज्जो देने पर जोर दिया

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सीएम ने आगे बताया कि 16 लाख किसानों का कर्ज माफ किया गया। इसके साथ ही बस्तर विकास प्राधिकरण का फिर से गठन किया जाएगा। प्राधिकरण के पदाधिकारी आदिवासी विधायक ही होंगे। गठन के बाद हर तीन महीने में बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक आयोजित होगी । बघेल ने राज्य में पंचायती राज को मजबूत बनाने का ऐलान किया है। भूपेश बघेल ने ऐलान किया है कि तेंदुपत्ता खरीदी बोनस बढ़ाया जाएगा। इसके लिए अहम फैसला लिया जाएगा। वहीं थानों में आदिवासियों के खिलाफ दर्ज मुकदमों की समीक्षा होगी। समीक्षा के बाद शासन स्तर पर वापस लिये जाएंगे मुकदमे।

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सीएम ने बताया कि वन अधिकार पट्टे के लिये 8 लाख आवेदन आये हैं। निर्माण कार्यों में स्थानीय लोगों को अवसर देने की बात कही। सीएम ने बताया कि गौण खनिज में स्थानीय लोगों को अवसर मिलेगा। सीएम के मुताबिक छोटे-छोटे समूह बनाकर युवाओं को मौका दिया जाएगा। नक्सल समस्या के निदान के लिये हर तबके से बात करने की भी बात कही। भूपेश बघेल के मुताबिक मैंने कभी नहीं कहा मैं माओवादियों से बात करूंगा। मैंने पीड़ित पक्ष के लोगों से बात करने की बात कही।