CG Law and Order
CG Law and Order: रायपुर। आज की तारीख में जो थोड़ा बहुत भी क्राइम की खबरों पर नजर रखता है, वो देश के कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गैंग के बारे में जरूर जानकारी रखता है। सुपारी किलिंग, एक्सटॉर्शन और बेजा कब्जे जैसे सैंकड़ों गुनाहों के चलते, देशभर में कई राज्यों की पुलिस के निशाने पर आए बिश्नोई गैंग के 4 गुर्गे छत्तीसगढ़ में पकड़े गए हैं। पूछताछ में कुछ सनसनीखेज वारदातों की प्लानिंग का भी पता चला। सत्तापक्ष ने राज्य पुलिस की पीथ थपथपाई और दावा किया, जो गैंग आएगा ठोक दिया जाएगा। यहीं से शुरू हो गई आरोप-प्रत्यारोप की सियासत, जो पहुंच गई राज्य के लॉ एंड ऑर्डर पर बहस तक।
मूसेवाला हत्याकांड और सलमान एक्सटॉर्शन केस में शामिल रहे लॉरेंस बिश्नोई गैंग की क्या अब छत्तीसगढ़ पर नजर है? ये सवाल उठा, जब प्रदेश में दो बड़ी घटनाओं को अंजाम देने की फिराक में पहुंचे लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गों को राजधानी की सायबर पुलिस ने पकड़ा। पूछताछ में पुलिस को कई अहम सुराग मिले हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस के इस एक्शन पर प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने दावा किया कि, लॉरेंस बिश्नोई हो या फॉरेंस बिश्नोई, छत्तीसगढ़ में ऐसे आपराधिक तत्व बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे, ठोके जाएंगे, जिस पर विपक्ष ने पलटवार किया है। पूर्व pcc प्रदेश अध्यक्ष धनेंद्र साहू ने कटाक्ष किया कि, छोटो अपराधियों पर तो कंट्रोल नहीं दिखता, बड़े गैंग को क्या ठोकेंगे?
छत्तीसगढ़ में जिस लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गे पकड़े गए हैं वो खुद फिलहाल जेल में है, वहीं से अपना नेटवर्क चलाता है। ये वही लॉरेंस है जो पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड का मास्टरमाइंड है। इसी के गैंग ने एक्टर सलमान खान के घर के बाहर गोलियां बरसाकर एक्टर को जान से मारने की धमकी दी थी। जेल के अंदर रहकर लॉरेंस का टीवी इंटरव्यू भी जमकर चर्चा में रहा है। लॉरेंस गैंग के पीछे देश के कई राज्यों की पुलिस है, लेकिन अभी तक पूरी तरह शिकंजा नहीं कसा जा सका है।
तो मामला संगीन है, यकीनन ये छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए कामयाबी दिखती है कि उन्होंने लॉरेंस गैंग के एक्शन को वक्त रहते ट्रेक कर रोक दिया, लेकिन ये भी गंभीर सवाल है कि क्या इस इंटरनेशनल गैंग की नजर यहां के कई और कारोबारियों पर है, क्या ये सिलसिला इतने से रूक पाएगा ? एक तरफ ये चुनौती है तो दूसरी तरफ पक्ष-विपक्ष के बीच सियासी रसाकशी। सवाल है चिंतित करने वाले मुद्दे पर भी क्या सियासत जरूरी है ?