कांग्रेस के मंत्री केंद्रीय परियोजना अपने चुनाव क्षेत्र में ले जाना चाहते हैं: राउत
कांग्रेस के मंत्री केंद्रीय परियोजना अपने चुनाव क्षेत्र में ले जाना चाहते हैं: राउत
मुंबई, छह अक्टूबर (भाषा) शिवसेना सांसद विनायक राउत ने कहा है कि राज्य सरकार में मंत्री और कांग्रेस के नेता अमित देशमुख कोंकण के लिए एक केंद्रीय परियोजना को अपने चुनाव क्षेत्र लातूर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। देशमुख ने इस आरोप का खंडन किया है।
राउत ने कहा कि आयुष मंत्रालय ने कोंकण के सिंधुदुर्ग में राष्ट्रीय चिकित्सकीय वनस्पति संस्थान की स्थापना को मंजूरी दी है, लेकिन देशमुख ने इस परियोजना को मराठवाड़ा के लातूर में स्थापित करने के लिए केंद्र को पत्र लिखा है।
शिवसेना नेता राउत, कोंकण क्षेत्र में स्थित रत्नागिरि-सिंधुदुर्ग से लोकसभा सदस्य हैं।
उनके दावों पर प्रतिक्रिया करते हुए राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री अमित देशमुख ने कहा कि उनके विभाग के स्तर पर संस्थान को सिंधुदुर्ग में स्थापित करने जैसी कोई चर्चा कभी नहीं हुई।
उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर शिवसेना और कांग्रेस में कोई मतभेद नहीं है।
अमित देशमुख, पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के बेटे हैं।
वह लातूर से विधायक हैं और जिले के संरक्षक मंत्री भी हैं।
एक टीवी चैनल से बात करते हुए राउत ने मंगलवार को कहा कि केंद्र ने सिंधुदुर्ग के दोडामार्ग के अदली गांव में संस्थान स्थापित करने को मंजूरी दी है और राज्य सरकार से इस बाबत सुझाव मांगे हैं।
राउत ने कहा, “जबकि स्थानीय स्तर पर सारी तैयारी हो चुकी है, अचानक से राज्य सरकार के मंत्री के हस्ताक्षर वाला एक पत्र केंद्र को भेजा जाता है कि इस संस्थान को लातूर में स्थापित किया जाए।”
सांसद ने कहा कि उन्होंने अमित देशमुख से बात करने का प्रयास किया लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।
बाद में चैनल से बात करते हुए अमित देशमुख ने कहा कि इस मुद्दे पर कांग्रेस और शिवसेना के बीच कोई मतभेद नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि कोंकण की परियोजना को मराठवाड़ा ले जाने का किसी भी तरह का प्रयास नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सभी चाहते हैं कि महाराष्ट्र में एक राष्ट्रीय संस्थान स्थापित हो।
मंत्री ने कहा कि पहले केंद्र ने महाराष्ट्र के जलगांव में यह संस्थान स्थापित करने का निर्णय लिया था।
देशमुख ने कहा कि आयुष मंत्रालय ने बाद में इस संबंध में बताया था कि संस्थान के लिए जलगांव उपयुक्त स्थान नहीं है।
उन्होंने कहा कि संस्थान कहां बनेगा इस पर अंतिम निर्णय केंद्र सरकार को लेना है।
भाषा यश शाहिद
शाहिद

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