कोंडागांव। जिले में मनरेगा का बड़ा घोटाला सामने आया है। यह घोटाला जनपद पंचायत कोंडागांव के कार्यक्रम अधिकारी पुखराज बघेल ने किया है। अधिकारी ने अपनी पत्नी और स्वयं के खातों में लाखों रुपए का ट्रांसफर कर लिया। मामले के खुलासा के बाद जिला पंचायत अधिकारी के निर्देश पर सिटी कोतवाली कोंडागांव में एफआईआर दर्ज करवाई गई है। एफआईआर दर्ज होने के बाद से अधिकारी फरार है और पुलिस उसकी तलाश में है।
गांव में रहने वाले ग्रामीणों के लिए रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरकार मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध करवाती है। लेकिन गरीबों को मिलने वाले इस आर्थिक लाभ पर भी अधिकारियों की बुरी नजर गड़ी रहती है और मौका मिलते ही उसमें सेंध मारी करने से बाज नहीं आते। कुछ ऐसा ही मामला जनपद पंचायत कोण्डागांव में देखने के लिए मिला। मामले का खुलासा तब हुआ जब समितियों में अत्यधिक राशि हस्तांतरित होने लगी थी।
शुरूआती जांच में पता चला कि जनपद पंचायत कोण्डागांव के तहत मनरेगा के कार्यक्रम अधिकारी पोखराज बघेल गरीबों को रोजगार के बदले दिए जाने वाले रुपए को अपनी पत्नी दीपिका बघेल के नाम पर और कुछ चुनिंदा ग्रामीण समितियों के खातों में डाल रहे थे। जांच के सही पाए जाने पर तत्काल जिला पंचायत सीईओ नूपुर राशि पन्ना ने जनपद सीईओ कोंडागांव डिगेश पटेल को कार्यकम अधिकारी पोखराज बघेल के खिलाफ एफआईआर करने के आदेश दिया। पुलिस ने पोखराज बघेल के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 के तहत पूरा मामला पंजीबद्ध कर लिया गया है।
दरअसल पोखराज बघेल मनरेगा के कार्यक्रम अधिकारी है, जिनकी नियुक्ति संविदा तौर पर कुछ साल पहले ही जनपद कार्यलय कोंडागांव में की गई थी। ग्रामीण योजना में आने वाली राशि का विभिन्न समितियों में भेजने का उनको पूरा अधिकार था। लिहाज उन्होंने योजना में आने वाले राशि को समितियों को ना भेजकर अपनी पत्नी के निजी खाते में ओर अन्य 4 ग्रामीण समितियों के खाते में हस्तांतरित करना शुरु कर दिया था। बाद में उन समितियों में जा कर अपना हिस्सा ले लिया करते थे। काफी दिनों से पुखराज बघेल ऐसा कर रहे थे लेकिन उनका ये हेराफेरी ज्यादा दिन नहीं चली और पूरा मामला खुलकर सामने आ गया।
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अब इस मामले में कार्यक्रम अधिकारी सहायक परियोजना अधिकारी आशुतोष मिश्रा समेत ओर मनरेगा प्रोग्रामर नितिन मिश्रा भी जांच के दायरे में आ चुके है। उन्हें भी मामले में संलिप्ता होना पाया जाने की वजह से जिला पंचायत सी ई ओ नूपुर राशि पन्ना ने कारण बताओ नोटिस जारी किया और तीन दिन के अंदर स्वयं प्रस्तुत होकर पूरे मामले में स्पष्टीकरण देने को कहा है। जांच के बाद धीरे-धीरे और भी मामलों की पोल खुलेगी। लाखों का आंकड़ा करोड़ों में पहुंच सकता।