बैतूल। अपरसत्र न्यायालय के विशेष न्यायाधीश कमलेश कुमार ने किसान से रिकार्ड दुरस्ती के नाम पर रिश्वत मांगने वाले पटवारी को भरसट्रचार अधिनियम की धारा 7 के तहत 3 वर्ष का कारावास और धारा 13-2 के तहत 5 वर्ष के कठोर कारावास की सजा और 15 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा से दंडित किया है। खास बात यह है कि लोकायुक्त पुलिस के ट्रेप के जाल में फंसे इस पटवारी की साल 2014 में दो महीने पहले ही नौकरी लगी थी और वह रिश्वत के जाल में ऐसा उलझा कि पकड़ा गया और अब जेल की हवा खाने के लिए विशेष अदालत ने उसे सजा सुनाई है।
अभियोजन के मुताबिक आरोपी पटवारी ओमप्रकाश गाडगे आमला तहसील के बिसखान पटवारी हल्के में पदस्थ था। यहां रहने वाले किसान रामकिशोर बारंगे के ससुर की जमीन के रिकार्ड दुरुस्त करने के लिए पटवारी उससे छह हजार की रिश्वत मांग रहा था। किसान ने इसकी शिकायत लोकायुक्त पुलिस भोपॉल को की थी। ट्रेप दल गठित कर बैतूल भेजा। जहां 23 नवम्बर को 14 को फरियादी को एक–एक हजार रुपये के तीन नोट यानी तीन हजार रुपये देकर रिश्वत देने के लिए भेजा गया। यहां आरोपी पटवारी ने किसान से पावडर लगे रिश्वत के नोट ले लिए। उसके रुपये लेकर जेब मे रखते ही लोकायुक्त पुलिस ने उसे रंगे हाथ धर दबोचा। इस मामले में लोकायुक्त पुलिस ने सभी साक्ष्यों के साथ प्रकरण विशेष अदालत में पेश किया था। जिस पर आज प्रथम अतिरिक्त जिला एवम सत्र न्यायधीश, विशेष अदालत कमलेश इटावदिया ने आरोपी को सजा सुनाई।
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खास बात यह है कि लोकायुक्त पुलिस के ट्रेप के जाल में फंसे इस पटवारी की साल 2014 में दो महीने पहले ही नौकरी लगी थी और वह रिश्वत के जाल में ऐसा उलझा कि पकड़ा गया और अब जेल की हवा खाने के लिए विशेष अदालत ने उसे साल की कैद की सजा सुनाई है।
वेब डेस्क, IBC24
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