दुर्ग। जिले में मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को एक 35 वर्षीय महिला की मौत के बाद यह आंकड़ा 28 पहुंच गया है। महिला बिहार से खुर्सीपार अपने भाई को राखी बाँधने और डेंगू होने पर भाई के स्वास्थ का हाल चाल जानने आई थी। लेकिन उसे ये नहीं पता थाकि वह वो खुद डेंगू का शिकार हो जाएगी। भिलाई में तीन दिन रहने के दौरान चन्द्रवती को भी डेंगू हो गया और फिर चार अस्पतालों से रिफर होने के बाद आज इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
भिलाई में डेंगू से 28वीं मौत हो चुकी है। लोगों के अंदर डेंगू का डर इस कदर बढ़ता जा रहा है कि अब भिलाई से लोगों का पलायन शुरु हो चुका है। महिला बिहार से खुर्सीपार अपने मायके, भाई को राखी बांधने और डेंगू होने पर भाई के स्वास्थ का हालचाल जानने आई थी। लेकिन भाई को देखने के लिय आई बहन खुद डेंगू का शिकार हो गई। डेंगू से चन्द्रवती की मौत हो गई। चन्द्रवती का इलाज चार निजी और दो शासकीय अस्पतालों के डॉक्टर मिलकर भी नही कर पाए। चन्द्रवती अपने पांच बच्चों को छोडकर इस दुनिया से चली गई लेकिन शायद चन्द्रवती की चिता से निकला धुआ भिलाई में डेंगू के मच्छर को दूर करने में काम आए।
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जिले में डेंगू से मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। शासन–प्रशासन भी बचाव की मुद्रा में आ गए हैं। कलेक्टर उमेश अग्रवाल स्वयं जाकर लोगों को जागरुक करने में लगे हैं। मंदिरों में भगवान से प्रार्थना की जा रही है। भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया जा रहा है कि भगवान डेंगू से भिलाई-दुर्ग को मुक्ति दिलाएं।
प्रशासन के सारे दावों पर पहले ही भिलाई निगम महापौर देवेंद्र यादव आरोप लगा चुके हैं। जबकि वे खुद निगम के महापौर है। अब महापौर इस महिला की मौत पर राज्य शासन से हाथ जोड़ कर लोगों की डेंगू से होने वाली मौत से राहत दिलाने की बात कही है।
वेब डेस्क, IBC24