कवर्धा जिले में 12 हजार से ज्यादा ऐसे लोगों की पहचान उजागर हुई है, जो खुद को भूमिहीन बताकर सरकारी राशन दुकानों से चावल, शक्कर, गेहूं और दूसरी चीजें लेकर गरीबों के हक पर डाका डाल रहे थे। लेकिन इन लोगों की पहचान उजागर होने के दो महीने बाद भी इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। दरअसल, सरकारी राशन दुकानों के साथ राशन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक किए जाने के बाद गरीबी रेखा के नीचे का राशन कार्ड बनाकर सरकारी योजनाओं का लाभ लेने वाले 12 हजार से ज्यादा लोगों का पता चला। जांच हुई, तो पता चला कि इनके नाम पर न सिर्फ जमीनें हैं, बल्कि कई-कई एकड़ खेत है और पक्के मकान भी हैं। खाद्य विभाग ने मामले की जांच के बाद कार्रवाई के लिए राजस्व विभाग को सौंप दिया। लेकिन राजस्व विभाग को सर्वे रिपोर्ट का इंतजार है, जिसके आधार पर कार्रवाई की बात कही जा रही है।