छत्तीसगढ़ में एक बार फिर अकाल की आहट नजर आ रही है । राज्य के मैदानी इलाकों में अभी तक ठीक से बारिश नहीं हो पाई है. इसके कारण धान की फसल के चौपट होने की आशंका है। जानकार मानते हैं कि अब बारिश हुई भी तो 30 से 40 फीसदी पैदावार प्रभावित होगा. मानसून की बेरुखी ने राजधानी रायपुर के ग्राम डूंडा और आसपास के गांवों के खेतों का कुछ यूं हाल कर दिया है. फसल चौपट होने की मायूसी किसानों के चेहरे पर पढ़ी जा सकती है.
रायपुर के साथ ही मध्य छत्तीसगढ़ के मैदानी इलाकों में कमोबेश यही हालात हैं । आलम ये है कि फसल बचाने के लिए किसान पानी खरीदकर सिंचाई कर रहे हैं. लेकिन किसानों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए ज्यादा दिन तक ऐसा कर पाना भी मुमकिन नहीं होगा. वहीं अब बारिश होने पर भी फसल के संतोषजनक पैदावार की उम्मीद खत्म कर दी है.
कृषि मौसम वैज्ञानिक और कृषि विभाग के अधिकारी भी मान रहे हैं कि राज्य के नौ जिलों कोरिया, नारायणपुर,बिलासपुर,राजनांदगांव गरियाबंद ,मुंगेली, रायपुर, दुर्ग और बलौदाबाजार में सूखे की स्थिति बनी हुई है । ऐसे में रोपाई के लिए अभी भी अच्छी बारिश का इंतजार है. छत्तीसगढ़ में पिछले तीन सालों से मानसून की चाल बिगड़ी हुई है. इस बार मैदानी इलाकों में ये नौबत आई है. ऐसे में अब सारी उम्मीद आने वाले दिनों में होने वाली बारिश में टिकी