बिलासपुर। संरक्षित बैगा आदिवासियों की नसबंदी पर प्रतिबंध लगाने वाली याचिक को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। राज्य सरकार की याचिका को हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद निरस्त कर दिया है।
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चीफ जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी और जस्टिस पीपी साहू की डिवीजन बेंच ने जारी आदेश में कहा है कि बैगा आदिवासियों को उनके मौलिक अधिकार से नहीं रोका जा सकता। आपको बतादें राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर आदिवासियों की घटती जनसंख्या को देखते हुए उनकी नसबंदी पर प्रतिबंध लगा दिया था।
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मध्यप्रदेश सरकार के समय लगाए गए प्रतिबंध के कारण वर्तमान में बैगा आदिवासियों की संख्या में अच्छी बढ़ोत्तरी हो गई है। कई बैगा आदिवासियों के आठ-आठ दस-दस बच्चे तक हो गए हैं उन्हें अपने बच्चों को पालने और पढाई लिखाई कराने में परेशानी होने लगी है।
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इस पर रानीचंद बैगा और नौ अन्य लोगों ने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में जनहित याचिका प्रस्तुत कर राज्य सरकार के आदेश को निरस्त करने का आग्रह किया था। डिवीजन बेंच ने प्रकरण की सुनवाई के बाद यह कहते हुए राज्य सरकार के आदेश को निरेस्त कर दिया कि बैगा आदिवासियों को उनके मौलिक अधिकार से नहीं रोका जा सकता।
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3 hours ago