सफर की शुरूआत करते हैं..छत्तीसगढ़ की मुंगेली विधानसभा सीट से… छत्तीसगढ़ की हाइप्रोफाइल सीटों में से शामिल इस सीट की खासियत रही है कि यहां कभी भी एक पार्टी लंबे समय तक अपना कब्जा बरकरार नहीं रख सकी ..यहां की मतदाताओं ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों को बारी बारी से मौका दिया है.. जानेंगे इस वक्त क्या है मुंगेली का सियासी मिजाज..लेकिन पहले एक नजर प्रोफाइल पर।
बिलासपुर जिले में आती है मुंगेली विधानसभा
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है सीट
2008 के पहले जरहगांव के नाम से जानी जाती थी
कुल मतदाता- 2 लाख51 हजार933
शहरी मतदाता – 32 हजार 33
ग्रामीण मतदाता–2लाख 19 हजार901
फिलहाल सीट पर बीजेपी का कब्जा
खाद्य मंत्री पुन्नूलाल मोहिले हैं वर्तमान विधायक
मुंगेली की राजनीति
बिलासपुर से अलग होकर जिला बना मुंगेली सियासी तौर पर बेहद सक्रिय इलाका रहा है। इस समय मुंगेली के वर्तमान विधायक हैं.. सरकार के खाद्य मंत्री पुन्नुलाल मोहिले। मोहिले चार बार सांसद रह चुके हैं और पांच बार विधायक का चुनाव जीत चुके हैं।…लेकिन इस बार मतदाता उनके पिछले कार्यकाल का आकलन जरूर करेंगे ..हालांकि यहां से उनका टिकट तय माना जा रहा है ..रही बात कांग्रेस की तो टिकट इतनी आसानी से तय हो पाएगा ऐसा लगता नहीं ..वैसे ये भी तय है कि यहां उम्मीदवार तय करते वक्त पार्टियां यहां के जाति समीकरण का ख्याल जरूर रखेंगी
हालात कुछ भी हो लेकिन मुंगेली को हाइप्रोफाइल सीट इस मायने में माना जा सकता है कि यहां के विधायक पुन्नूलाल मोहिले हैं …बीजेपी के कद्दावर नेता और राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री हैं…यही नहीं वो बिलासपुर से लगातार चार बार सांसद भी चुने जा चुके हैं ..और पांच बार विधायक का चुनाव भी जीत चुके हैं। मुंगेली को बीजेपी का गढ़ माना जाता रहा है। जाहिर हैं आने वाले चुनाव में मुंगली से बीजेपी का उम्मीदवार कौन होगा इसको लेकर ज्यादा सवाल नहीं है… मौजूदा विधायक की दावेदारी तय मानी जा रही है..लेकिन अगर कोई उलटफेर होता है तो बीजेपी युवा मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष नितेश भारद्वाज को मौका मिल सकता है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस में दावेदारों फेहरिस्त लंबी है.. जिसमें उमेश धृतलहरे, दुर्गा बघेल, रूपलाल कोशरे, राकेश पात्रे, पूर्व विधायक चुरावन मंगेशकर, दिलीप बंजारा जैसे नाम शामिल है, वहीं जोगी कांग्रेस ने पूर्व विधायक चन्द्रभान बरमाते को अपना प्रत्याशी घोषित कर चुका है..जबकि आम आदमी पार्टी से रामकुमार गंधर्व की दावेदारी तय है।
वहीं जातिगत समीकरण की बात करें तो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर करीब 65 फीसदी सतनामी वोटर हैं….25 फीसदी साहू… इसके अलावा कुर्मी, यादव, लोधी, पटेल और सामान्य जाति के 20 फीसदी वोटर हैं. कुल मिलाकर यहां पर सतनामी वोटर ही नेताओ के भाग्य का फैसला करते आए हैं…लिहाजा पार्टियां भी इस समीकरण को काफी अहमियत देती है
मुंगेली के मुद्दे
मुंगेली से बीजेपी के बेहद कद्दावर नेता पुन्नूलाल मोहिले विधायक हैं..बावजूद इसके ये क्षेत्र कई समस्याओं से जूझ रहा है… सड़के ही नहीं इलाके की स्वास्थ्य सेवाएं भी ठप हैं …शिक्षा सुविधाओं को लेकर भी लोग संतुष्ट नहीं हैं
मुंगेली को जिला बने आज सात साल से अधिक हो गए.. लेकिन यहां की सारी समस्याएं हल हो गई हो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है…यहां विकास कार्य शुरू तो हुए हैं लेकिन पूरे नहीं हो पाए हैं ..सबसे ज्यादा बुरा हाल यहां सड़कों के हैं ..आज भी कई गांव सड़कविहिन हैं…शहर में यातायात दबाव को कम करने लिए बनाई जा रही बायपास रोड पिछले 7 साल से निर्माणाधीन है। जिससे शहरवासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
स्वास्थ्य सुविधाओं की भी हालत खराब है…अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों का बेहतर उपचार नहीं मिल पाता.. वहीं शहरी और ग्रामीण इलाकों में पीने की पानी के लिए बनी योजनाएं भी अधूरी है.. मुंगेली में उद्योगों के लिए कोई प्लान नजर नहीं आता…और बेरोजगारी के कारण युवा पलायन को मजबूर हैं….शिक्षा के क्षेत्र में भी पिछड़ा नजर आता है मुंगेली।
वेब डेस्क, IBC24
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