भारत का सबसे पुराना समाचार पत्र ‘मुंबई समाचार’ अपने प्रकाशन के 200 वर्ष पूरा करने के नजदीक

भारत का सबसे पुराना समाचार पत्र ‘मुंबई समाचार’ अपने प्रकाशन के 200 वर्ष पूरा करने के नजदीक

भारत का सबसे पुराना समाचार पत्र ‘मुंबई समाचार’ अपने प्रकाशन के 200 वर्ष पूरा करने के नजदीक
Modified Date: November 29, 2022 / 08:33 pm IST
Published Date: June 27, 2021 5:58 am IST

मुंबई, 27 जून (भाषा) दक्षिण मुंबई में ‘फोर्ट’ परिसर के बीचों-बीच स्थित ‘रेड हाउस’ नामक एक गहरे लाल रंग की इमारत में स्थित देश का सबसे पुराना समाचार पत्र ‘मुंबई समाचार’ जल्द ही अपने प्रकाशन के 200 वर्ष पूरे कर लेगा।

प्रिंट मीडिया उद्योग में पिछले कुछ वर्षों में आई मंदी, दो वैश्विक महामारियां और दो विश्व युद्ध झेलने के बावजूद यह गुजराती दैनिक समाचार एक जुलाई को अपने 200 साल सफलतापूर्वक पूरे करेगा।

मुंबई समाचार के निदेशक होर्मसजी कामा ने बताया कि अखबार ने 20 साल पहले एक शोध किया और पाया कि यह भारत का सबसे पुराना प्रकाशन है और दुनिया का चौथा सबसे पुराना प्रकाशन है, जो अब भी काम कर रहा है। इसे ‘बॉम्बे समाचार’ के नाम से 1822 में एक साप्ताहिक पत्र के रूप में शुरू किया गया था। उस समय इसे पाठकों को मुख्य रूप से जहाजों की आवाजाही और वस्तुओं के बारे में सूचित करने के लिए शुरू किया गया था और धीरे-धीरे यह ऐसे समाचार पत्र के रूप में विकसित हो गया, जिसमें व्यापार पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।

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पारसी विद्वान फर्दुनजी मर्जबान ने बंगाली समाचार पत्र ‘समाचार दर्पण’ शुरू होने के चार साल बाद इस समाचार का प्रकाशन शुरू किया, जो भारत में प्रकाशित होने वाला दूसरा गैर-अंग्रेजी समाचार पत्र बन गया। यह शुरुआती 10 वर्ष तक एक साप्ताहिक समाचार पत्र था। इसके बाद यह द्वि-साप्ताहिक और 1855 से एक दैनिक समाचार पत्र बन गया।

समाचार पत्र के निदेशक कामा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘जब तक आपकी विषय वस्तु की मांग है, तब तक आप टिके रहेंगे।’’

गैर-लाभकारी निजी समाचार सहकारी संगठन ‘प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया’ (पीटीआई) के निदेशक मंडल के सदस्य कामा ने बताया कि कई कारणों से अखबार ने अपने कवर की कीमत बढ़ाकर 10 रुपये प्रति कॉपी कर दी और यह सबसे पुराना ही नहीं है, बल्कि कोरोना वायरस महामारी के बीच सबसे महंगे अखबारों में से भी एक है। उन्होंने कहा कि महामारी से पहले इसकी बिक्री 1.5 लाख थी, जिसमें भले ही गिरावट आई है, लेकिन इसके पाठकों की बदौलत यह उन कुछ समाचार पत्रों में शामिल है, जिन्होंने वित्त वर्ष 2020-21 में लाभ अर्जित किया।

पीटीआई का स्वामित्व कई अखबार शेयरधारकों के पास है, जो कंपनी के मुनाफे से कोई लाभांश प्राप्त नहीं करते हैं, क्योंकि उनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश में एक स्वतंत्र, तटस्थ समाचार समिति हो, जो सभी मीडिया संगठनों को सेवाएं मुहैया करा सके।

कामा ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव को सीमित करने के लिए मुंबई समाचार ने अपने कवर की कीमत में दो रुपये की वृद्धि की, पृष्ठों की संख्या कम कर दी और वरिष्ठ प्रबंधन के वेतन में कटौती की। उन्होंने बताया कि समाचार पत्र के 150 कर्मियों में से किसी एक को भी वैश्विक महामारी के दौरान नौकरी से निकाला नहीं गया।

भाषा सिम्मी शोभना

शोभना


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