खडसे का भाजपा छोड़ने का निर्णय कठिन, लेकिन अपरिहार्य था : रोहिणी | Khadse's decision to leave BJP was difficult, but inevitable: Rohini

खडसे का भाजपा छोड़ने का निर्णय कठिन, लेकिन अपरिहार्य था : रोहिणी

खडसे का भाजपा छोड़ने का निर्णय कठिन, लेकिन अपरिहार्य था : रोहिणी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:48 PM IST, Published Date : October 22, 2020/11:58 am IST

मुंबई, 22 अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे के लिए भाजपा छोड़ने का निर्णय लेना ‘‘कठिन’’ था लेकिन ‘‘अपरिहार्य’’ भी था। यह बात बृहस्पतिवार को उनकी बेटी रोहिणी खडसे ने कही।

भ्रष्टाचार के आरोपों में 2016 में देवेन्द्र फडणवीस नीत भाजपा सरकार से इस्तीफा देने के बाद से ही एकनाथ खडसे असंतुष्ट थे। बुधवार को उन्होंने भगवा दल से इस्तीफा दे दिया। खड़से शुक्रवार को शरद पवार की पार्टी राकांपा में शामिल होने जा रहे हैं।

रोहिणी खडसे ने नासिक में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरे पिता ने अपने जीवन के 40 वर्ष भाजपा को दिए। निश्चित तौर पर यह उनके लिए और मेरे लिए कठिन निर्णय था, लेकिन मेरा मानना है कि यह अपरिहार्य था। हम निश्चित तौर पर नयी पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अब पीछे नहीं लौटना है…हम पूरे उत्साह से नयी पार्टी में शामिल होंगे।’’

भाजपा ने 2019 के विधानसभा चुनाव में एकनाथ खडसे को टिकट नहीं दिया था और जलगांव जिले के मुक्तिनगर विधानसभा क्षेत्र से रोहिणी को उतारा था।

इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं काफी निराश थी क्योंकि भाजपा ने मेरे पिता को टिकट नहीं दिया। मुझे इस बात की खुशी नहीं थी कि उन्हें टिकट नहीं देकर मुझे उम्मीदवार बनाया गया।’’

रोहिणी खडसे शिवसेना के बागी उम्मीदवार चंद्रकांत पाटिल से चुनाव में हार गई थीं।

भाजपा छोड़ने के बाद खडसे (68) ने फडणवीस पर आरोप लगाए कि उन्होंने ‘‘उनकी जिंदगी और राजनीतिक कॅरियर को बर्बाद करने का प्रयास’’ किया था।

खडसे की पुत्रवधू रक्षा खडसे महाराष्ट्र में रावेर सीट से भाजपा की लोकसभा की सदस्य हैं।

भाषा नीरज नीरज पवनेश

पवनेश

 

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