नोटा ने उड़ाई नेताओं की नींद, ‘माननीय’ लोगों से कर रहे ये अपील.. आप भी देखिए

नोटा ने उड़ाई नेताओं की नींद, 'माननीय' लोगों से कर रहे ये अपील.. आप भी देखिए

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  • Publish Date - April 13, 2019 / 07:39 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:45 PM IST

बिलासपुर। विधानसभा चुनाव 2018 में नोटा ने उम्मीदवारों को जोर का झटका दिया था। अब बारी लोकसभा चुनाव की है, ऐसे में उम्मीदवारों को डर है कि कहीं नोटा उनका खेल ना बिगाड़ दे, लिहाजा प्रत्याशी और पार्टियों के कार्यकर्ता लोगों से अपील करते हुए दिखायी दे रहे हैं कि वो अपना वोट व्यर्थ ना करें बल्कि योग्य प्रत्याशी को दें। नोटा की वजह से हार जीत का फर्क बड़ा हो जाता है और यही वजह है कि राजनीतिक पार्टियां नहीं चाहती हैं कि नोटा को मिलने वाले वोटों की संख्या में इजाफा हो।

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साल 2013 के विधानसभा चुनाव में बिलासपुर जिले की आठ विधानसभा सीटों में कुल 27 हजार 283 वोट नोटा को मिले थे। इसके ठीक बाद हुए 2014 के लोकसभा चुनाव में बिलासपुर में नोटा को 7 हजार 563 वोट मिले। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में नोटा में पिछले विधासभा चुनाव की तुलना में कुछ कम वोट गिरे हैं। 2018 विधानसभा चुनाव में नोटा को बिलासपुर की आठ विधानसभा सीटों में कुल 21 हजार 642 वोट मिले हैं। फिर भी ये वोट इतने ज्यादा हैं कि किसी एक प्रत्याशी की हार जीत में बड़ा फासला लाकर खड़ा कर देते हैं। यही वजह है कि राजनीतिक पार्टियां अपने अपने स्तर पर नोटा में वोट ना देने की अपील करते हुए नजर आ रहे हैं। राजनीतिक दलों की अपील है कि नोटा में वोट देने की बजाए योग्य उम्मीदवार को वोट दें।

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नोटा को लेकर आम जनता की राय मिली जुली नजर आती है। कुछ लोगों का कहना है कि नोटा को संवैधानिक बना देना चाहिए ताकि नोटा को ज्यादा वोट मिलने की स्थिति में किसी भी उम्मीदवार की जीत ना हो और उसे दोबारा कभी टिकट ना मिले। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि घंटो लाइन में खड़े होकर और फिर नोटा में बटन दबाकर घर आ जाना कहीं से भी समझदारी नहीं है, इसके बजाए वोट ऐसे व्यक्ति को दें जिससे वोट की सार्थकता समझ में आए।