भोपाल। मध्यप्रदेश के सहकारी बैंकों में किसानों को दिए कर्ज की अब ऑनलाइन एंट्री शुरू की जाएगी। किसानों के पासबुक में ऑनलाइन एंट्री होगी। सहकारिता मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने इसके आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि बैंकों में नई व्यवस्था लागू की जाएगी। सहकारी बैंकों को किसानों के कर्ज की जानकारी तहसीलदारों को भेजना होगी। बता दें कि यह फैसला सहकारी बैंकों में किसानों के कर्ज के नाम पर उजागर हुईं गड़बड़ियों के बाद लिया गया है।
दरअसल मध्यप्रदेश में किसानों की कर्जमाफी की आड़ में घोटाला हो रहा है। जिन किसानों पर कर्ज हजारों रुपयों का है, उनका भी दो लाख का कर्जा माफ कर उनके खातों से राशि निकाली जा रही है। ये घोटाला कोऑपरेटिव सोसाइटियों में हो रहा है। इसका खुलासा मध्यप्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जनसिंह वर्मा ने खुद इसका खुलासा किया है।
उन्होंने कहा कि ऐसा घोटाला देवास जिले में पकड़ा गया है। जहां कुछ किसानों पर कर्जा तो पचास हजार रुपए था। लेकिन उनका दो-दो लाख का कर्जा माफ कर दो-दो लाख रुपए उनके खातों में डाल दिए गए। और किसानों को पचास हजार रुपए देकर बाकी के डेढ़ लाख बैंक वालों ने हड़प लिए।
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उन्होंने कहा कि कोऑपरेटिव सोसाइटियों में बैठे बीजेपी के लोग ये घोटाला कर रहे हैं। देवास के साथ दूसरे जिलों की कोऑपरेटिव सोसाइटियों की भी जांच की जाएगी। वहीं, बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा है कि यदि गड़बड़ी हो रही है तो सरकार कार्रवाई करे, इस तरह के आरोप न लगाए।
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