महाराष्ट्र : कोल्हापुर में संक्रमण दर सर्वाधिक, सिंधुदुर्ग में सबसे ज्यादा ऑक्सीजन बेड पर मरीज भर्ती

महाराष्ट्र : कोल्हापुर में संक्रमण दर सर्वाधिक, सिंधुदुर्ग में सबसे ज्यादा ऑक्सीजन बेड पर मरीज भर्ती

महाराष्ट्र : कोल्हापुर में संक्रमण दर सर्वाधिक, सिंधुदुर्ग में सबसे ज्यादा ऑक्सीजन बेड पर मरीज भर्ती
Modified Date: November 29, 2022 / 08:42 pm IST
Published Date: June 18, 2021 11:31 am IST

मुंबई, 18 जून (भाषा) महाराष्ट्र सरकार ने कोविड-19 संबंधी साप्ताहिक आंकड़े साझा किए हैं जिनके मुताबिक प्रदेश में संक्रमण की सबसे अधिक दर कोल्हापुर में है और इसके पड़ोसी जिले सिंधुदुर्ग में ऑक्सीजन बेड पर सर्वाधिक मरीज भर्ती हैं। इसमें बताया गया कि कोल्हापुर में नमूने संक्रमित पाए जाने की दर 13.77 फीसदी है और सिंधुदुर्ग में 55.20 फीसदी मरीज ऑक्सीजन बेड पर भर्ती हैं।

ये आंकड़े महाराष्ट्र आपदा प्रबंधन विभाग ने जारी किए हैं।

पिछले हफ्ते कोल्हापुर में संक्रमण की दर 15.85 प्रतिशत थी और यहां ऑक्सीजन बेड के भरे होने का प्रतिशत 67.41 था।

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आंकड़ों के अनुसार राज्य भर में 16,570 ऑक्सीजन बेड भरे हुए हैं हालांकि यह आंकड़ा लगातार घट रहा है। इनमें बताया गया कि रायगढ़ और रत्नागिरी में संक्रमण दर क्रमश: 12.77 फीसदी और 11.90 फीसदी है। गोंदिया में संक्रमण दर सबसे कम 0.27 प्रतिशत है। पुणे में संक्रमण दर 9.88 फीसदी और नागपुर में 1.25 फीसदी है।

इसमें बताया गया कि कोल्हापुर में 54.78 फीसदी ऑक्सीजन बेड उपयोग में हैं, वर्धा में सबसे कम 0.45 फीसदी ऑक्सीजन बेड पर मरीज भर्ती हैं। मुंबई में 23.56 प्रतिशत ऑक्सीजन बेड का इस्तेमाल हो रहा है, ठाणे जिले के लिए यह आंकड़ा 10.74 फीसदी है।

रिपोर्ट में बताया गया कि मुंबई में कुल 2,016 ऑक्सीजन बेड इस्तेमाल हो रहे हैं जबकि 9,097 ऑक्सीजन बेड अभी खाली हैं। यहां 951 वेंटिलेटर का इस्तेमाल हो रहा है जबकि 529 वेंटिलेटर खाली हैं। पुणे में 10.90 फीसदी और नागपुर में 2.17 फीसदी ऑक्सीजन बेड इस्तेमाल हो रहे हैं।

राज्य में इस्तेमाल में आ रहे ऑक्सीजन बेड की संख्या और कम होने के बाद आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी निगमों और जिलाधिकारियों से पाबंदियों में ढील देने को कहा है।

गौरतलब है कि चार जून को राज्य सरकार ने संक्रमण दर और उपयोग में लाए जा रहे ऑक्सीजन बेड के आधार पर विभिन्न प्रशासनिक इकाइयों में पांच चरण की ‘अनलॉक’ योजना की घोषणा की थी।

भाषा

मानसी पवनेश

पवनेश


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