लाल आतंक..’फिर घातक’ ! ‘लाल मोर्चा’..फिर गर्म क्यों ?

लाल आतंक..'फिर घातक' ! 'लाल मोर्चा'..फिर गर्म क्यों ?

  •  
  • Publish Date - December 1, 2020 / 04:27 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:08 PM IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सली फिर सक्रिय दिख रहे हैं। बीजापुर और दंतेवाड़ा में नक्सलियों की नापाक करतूत बताती है कि नक्सली अब भी अपनी धमक दिखाना चाहते हैं और वारदातें कर रहे हैं। दूसरी तरफ जवानों ने भानुप्रतापपुर में नक्सली दहशत पर शिकंजा कसा, जिस पर सरकार ने फोर्स की तारीफ भी की। बावजूद इसके लगातार होती वारदातें किस तरफ इशारा करती हैं। प्रदेश सरकार की बटालियन की मांग और नक्सलवाद पर लगाम कसने के नए फॉर्मूले पर भी बात करेंगे।

पढ़ें- गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने जवानों की खुदकुशी के बढ़ते मामलों पर की चर्चा, अपर मुख्य सचिव को दिए अहम निर्देश

मंगलवार को एक के बाद एक बस्तर के तीन अलग अलग क्षेत्र में नक्सलियों ने चार घटनाओं को अंजाम दिया,बीजापुर में नक्सलियों ने IED ब्लास्ट कर एक सूमो वाहन को निशाना बनाया।हमले में गाड़ी में सवार 2 ग्रामीण घायल हो गए।दोनों घायलों का इलाज जारी है।ये ब्लास्ट बासागुड़ा-तर्रेम के बीच राजपेटा के पास किया गया।बीजापुर के ही गंगालूर थाना इलाके के गोंगला गांव में मुखबिरी के शक में 2 ग्रामीणों की हत्या कर दी गई।जबकि, दंतेवाड़ा में बारसूर थाना इलाके में नक्सलियों ने हांदावाडा के सरपंच पति की हत्या कर दी।नक्सलियों ने उसे धारदार हथियार से मौत के घाट उतार दिया।इधर, भानुप्रतापपुर के ताडोकी थाना इलाके में SSB के जवानों को बड़ी सफलता मिली है।जवानों ने पत्कालबेडा के जंगल से 3 IED बरामद कर उन्हें डिफ्यूज कर दिया ।

पढ़ें- अवैध भर्तियों को लेकर दायर जनहित याचिका पर जिला शिक…

नक्सलियों की सक्रियता को लेकर सूबे में एक बार फिर सियासत तेज है।वार-पलटवार का दौर जारी है।नक्सलियों की बढ़ती सक्रियता को बीजेपी ने सरासर कांग्रेस सरकार की नाकामी बताया।तो वहीं कांग्रेस ने इसे बीजेपी के 15 साल के शासनकाल की देन करार कहा।

पढ़ें- सीएम बघेल बुधवार को नेहरू नगर भिलाई रेलवे अंडरब्रिज…

ऐसा नहीं कि इसे लेकर शासन-सरकार स्तर बेखबरी हो।प्रशासन से लेकर सरकार भी हरकत में दिख रही है।सोमवार को ही छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने नक्सलियों के मुद्दे पर कहा है कि आदिवासियों को रोजगार देकर नक्सली बनने से रोका जा सकता है।साथ ही अपनी सरकार और फोर्स की पीथ थपथपाते हुए ये भी जोड़ा कि नक्सली अब सुकमा के आसपास सिमट कर रह गए हैं।

पढ़ें- महिला नायब तहसीलदार से अपमानित किसान ने की खुदकुशी 

जाहिर है बस्तर एक बार फिर आदिवासियों युवाओं को रोजगार देने और हथियार छोड़ने वाले नक्सलियों के लिए योजनाओँ के जरिए माओवाद पर लगाम लगाने की तैयारी है।इलाके में तैनात फोर्स के एक्टिव होने का भी दावा है तो फिर हाल के दिनों मे नक्सिलयों की बढती सक्रियता को कैसे लिए जाए।उनकी हताशा।उनकी मौजूदगी का अहसास कराने के प्रयास या एक बार फिर धमक जताने की कोशिश।सबसे बड़ा सवाल क्या नई रणनीति और तैयारी बस्तर को शांत करने में कामयाब हो पाएगी।?