बिलासपुर। उसलापुर रेलवे स्टेशन में बना दी गई कोल साइडिंग को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने गहरी नाराजगी व्यक्त की है। एनजीटी ने कहा है कि सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड इस पूरे मामले की जांच करे और 2 सप्ताह के भीतर रिपोर्ट एनजीटी को दे।
उसलापुर, बिलासपुर शहर का सिटी स्टेशन है और रिहायशी इलाकों के बीच है। इसके चारों तरफ बड़ी रिहायशी बस्तियां है। लेकिन इस सब को नजरअंदाज करते हुए रेलवे ने ट्रैक के बाजू में ही कुछ कोयला व्यापारियों को जमीन मुहैया करा दी और वहां कोल साइडिंग बना दी। अब उस साइडिंग में बड़े पैमाने पर कोयले का लदान, डंपिंग होती है। इससे पूरे समय कोयले की डस्ट रिहायशी इलाकों में पहुंचती है।
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इससे परेशान नागरिकों ने कई बार स्टेट पोल्लुशन कंट्रोल बोर्ड में आवेदन दिया, लेकिन स्टेट बोर्ड ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद एडवोकेट सुदीप श्रीवास्तव एवं एडवोकेट पारुल गुप्ता ने नई दिल्ली नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को पूरे हालात से वाकिफ कराया और वहां कोल साइडिंग बंद करने के लिए याचिका लगाई।
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इस मामले की मंगलवार को नई दिल्ली में सुनवाई हुई और ट्रिब्यूनल ने कहा कि यह गंभीर मामला है। स्टेट बोर्ड यदि कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है तो सेंट्रल बोर्ड इस मामले में जांच करे और 2 सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करें। इसके बाद मामले की अगली सुनवाई होगी। उम्मीद की जा रही है कि उसलापुर कोल साइडिंग पर रोक लगेगी और हजारों नागरिकों को इससे राहत मिलेगी।
वेब डेस्क IBC24