अब प्रदेश सरकार बेचेगी रेत, महिलाएं व स्थानीय युवा करेंगे खनन

अब प्रदेश सरकार बेचेगी रेत, महिलाएं व स्थानीय युवा करेंगे खनन

अब प्रदेश सरकार बेचेगी रेत, महिलाएं व स्थानीय युवा करेंगे खनन
Modified Date: November 29, 2022 / 08:24 pm IST
Published Date: May 24, 2017 9:46 am IST

रेत माफिया से हार चुकी शिवराज सरकार ने अब नई रणनीति का एलान किया है…जी हां..मध्यप्रदेश सरकार अब खुद ही रेत बेचने जा रही है । सरकार का तर्क है कि इससे रेत की कीमत स्थिर होगी और माफिया राज खत्म होगा । सरकार ने ये एलान किया है कि वो स्व सहायता समूहों के जरिए घाटों से रेत निकलवाएगी जबकि रेत बेचने का जिम्मा माइनिंग कॉर्पोरेशन उठाएगा । इससे जो मुनाफा होगा..उसका एक हिस्सा मजदूरों को भी मिलेगा । दरअसल बीजेपी सरकार तमिलनाडु के उस मॉडल को लागू करने की कोशिश कर रही है,जिसमें वहां की सरकार ने रेत के कारोबार को पूरी तरह से अपने हाथों में लिया था । 

विपक्षी कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले को कठघरे में खड़ा किया है । उसने ये आरोप भी लगाया है कि मॉनसून आने के ठीक 15 दिन पहले रेत खनन पर प्रतिबंध लगा देना कालाबाजारियों  को बड़ा तोहफा देना जैसा है ।

.बीजेपी सरकार की एक कमेटी फिलहाल ये रिसर्च कर रही है कि रेत का उत्खनन कहां हो और कहां नहीं..इस कमेटी की रिपोर्ट के बाद खनन की जगह तय होगी । हालांकि एक सवाल यहां ये खड़ा होता है कि इस बात की क्या गारंटी है कि स्वसहायता समूह अवैध खनन नहीं करेंगे…आशंका ये भी है कि रेत माफिया कहीं डमी सेल्फ हेल्प ग्रुप्स न खड़े कर दे…क्या सरकार के पास इसे रोकने का कोई मैकेनिज्म है? 

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