उमरिया। जिले के अतरिया गांव में आदिवासी किसानों की फरियाद जब शासन-प्रशासन ने अनसुनी कर दी तो उन्होने अपनी मांग पूरी कराने के लिए अनोखा विरोध शुरू किया है। किसानों के इस आंदोलन के साथ पूरा आदिवासी समाज एकजुट हो गया है। डैम बनने का विरोध कर रहे किसानों ने निर्माण स्थल की नींव पर ही अपने आराध्य की स्थापना कर पूजा-पाठ शुरू कर दिया है।
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किसानों का आरोप है, कि बांध बनाने के पहले उनसे न तो सहमति ली गई और न ही प्रक्रिया का पालन किया गया। निर्माणाधीन बांध से 5 गांव अतरिया, जलधरा, डोगरगवां, कासपानी और मझौली कला के 200 से ज्यादा किसान परिवार प्रभावित हो रहे हैं। वहीं 22 करोड़ की लागत से जल संसाधन विभाग इस बांध को बना रहा है।
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किसानों की सहमति लिए बगैर ही करीब एक करोड़ रुपए किसानों के खाते में मुआवजा राशि भी ट्रांसफर की जा चुकी है, लेकिन किसानों की पासबुक अब भी लापता है। ऐसे में किसानों को दोहरी चिंता सता रही है। हालांकि कलेक्टर ने आदिवासी किसानों की भरोसा दिया है।