अंतिम क्षणों में ‘उत्तर प्रदेश निरसन विधेयक-2021′ को सदन पर रखे जाने का विपक्ष ने किया कड़ा विरोध

अंतिम क्षणों में ‘उत्तर प्रदेश निरसन विधेयक-2021' को सदन पर रखे जाने का विपक्ष ने किया कड़ा विरोध

अंतिम क्षणों में ‘उत्तर प्रदेश निरसन विधेयक-2021′ को सदन पर रखे जाने का विपक्ष ने किया कड़ा विरोध
Modified Date: November 29, 2022 / 08:37 pm IST
Published Date: March 4, 2021 1:59 pm IST

लखनऊ, चार मार्च (भाषा) उत्तर प्रदेश विधानसभा में बृहस्पतिवार को सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने से ठीक पहले ‘उत्तर प्रदेश निरसन विधेयक-2021’ को सदन पर रखे जाने का विपक्ष ने कड़ा विरोध किया।

विपक्षी दलों समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस में विधेयक को सदन में रखे जाने के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किए जाने पर सदन से बहिर्गमन किया और आरोप लगाया कि सदन के अंदर संवैधानिक परंपराओं की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

विपक्ष के हंगामे के बीच सदन में ‘उत्तर प्रदेश निरसन विधेयक 2021’ को पारित घोषित कर दिया गया। इस विधेयक के तहत 61 पुराने और अप्रचलित हो चुके कानूनों को समाप्त करने का प्रावधान है।

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विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि नियम के मुताबिक सभी पार्टियों के नेताओं द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के बाद सदन में कोई भी विधेयक पेश नहीं किया जा सकता लेकिन सदन में लोकतांत्रिक परंपराओं की धज्जियां उड़ाई गई है।

उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने से कुछ मिनट पहले ही निरसन विधेयक पेश किया जाना बिल्कुल गलत है। उन्होंने कहा कि सरकार अलोकतांत्रिक हरकतें करने के लिए सदन में अपने संख्या बल का दुरुपयोग कर रही है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को जल्दबाजी में बजट पारित कराया है और यहां तक कि प्रश्नकाल की कार्यवाही भी नहीं कराई गई।

बहुजन समाज पार्टी के नेता लालजी वर्मा ने भी कहा कि सदन में कोई भी विधेयक पेश किए जाने से 24 घंटे पहले सभी सदस्यों के पास उसकी एक प्रति उपलब्ध कराई जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

भाषा सलीम देवेंद्र

देवेंद्र


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