बोधघाट परियोजना बंद करने तेज हुए विरोधी स्वर, सरकार को एक महीने का वक्त देने ग्रामीणों में बनी सहमति, नहीं तो सड़क पर प्रदर्शन

बोधघाट परियोजना बंद करने तेज हुए विरोधी स्वर, सरकार को एक महीने का वक्त देने ग्रामीणों में बनी सहमति, नहीं तो सड़क पर प्रदर्शन

बोधघाट परियोजना बंद करने तेज हुए विरोधी स्वर, सरकार को एक महीने का वक्त देने ग्रामीणों में बनी सहमति, नहीं तो सड़क पर प्रदर्शन
Modified Date: November 29, 2022 / 08:25 pm IST
Published Date: February 9, 2021 1:58 pm IST

जगदलपुर। बस्तर में बोधघाट परियोजना को लेकर तीन दिवसीय परिचर्चा में आदिवासियों के विरोध के स्वर और तेज हो गए हैं। ग्रामीणों ने बैठक में यह फैसला किया है कि सरकार को 1 महीने का वक्त दिया जाएगा, इसके बाद भी अगर बोधघाट परियोजना को हमेशा के लिए बंद करने पर सरकार सहमत नहीं होती है तो सड़कों पर उतर कर बड़ा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

ये भी पढ़ेंः रेंजर CR नेताम हुए निलंबित, फर्जी पत्रकारों ने लगाया था 1 करोड़ 40 लाख रुपए का चूना

दरअसल बारसूर में हितालकुडुम में आयोजित बैठक में 5000 से अधिक की संख्या में ग्रामीण जमा हुए थे, यह सभी 4 जिलों के 19 पंचायतों से आए हुए वे सभी लोग थे जो बारसूर परियोजना से प्रभावित होने वाले हैं, इनमें से 14 पंचायतें ऐसी हैं जो डुबान में आएंगे। जिस जगह पर कार्यक्रम रखा गया था वह भी डूबान क्षेत्र है।

 ⁠

ये भी पढ़ेंः रायपुर: पुस्तकालय और कोचिंग संस्थान को संचालित करने की अनुमति

दंतेश्वरी बोधघाट सुरक्षा समिति के सदस्यों द्वारा आयोजित इस बैठक में सीपीआई एवं भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक शामिल हुए लेकिन कांग्रेस से एक भी जनप्रतिनिधि कार्यक्रम में हिस्सा लेने नहीं पहुंचा।

ये भी पढ़ेंः भूपेश सरकार की योजनाओं से मंदी बेअसर, इस साल भी छत्तीसगढ़ में हुई का…

<iframe width=”560″ height=”315″ src=”https://www.youtube.com/embed/acyP6uc8pLE” frameborder=”0″ allow=”accelerometer; autoplay; clipboard-write; encrypted-media; gyroscope; picture-in-picture” allowfullscreen></iframe>


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com