नरवा, गरूवा, घुरवा और बारी पर कार्यशाला का आयोजन, वैज्ञानिक पद्धति से योजना को सफल बनाने पर जोर

नरवा, गरूवा, घुरवा और बारी पर कार्यशाला का आयोजन, वैज्ञानिक पद्धति से योजना को सफल बनाने पर जोर

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  • Publish Date - February 2, 2019 / 09:14 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:05 PM IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की प्रमुख योजना नरवा, गरूवा, घुरवा और बारी को क्रियान्वयन के लिए मुख्य सचिव सुनील कुजूर ने ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान निमोरा में दिवसीय कार्यशाला आयोजित की । इस दौरान उन्होंने कहा कि यह योजना राज्य शासन की एक महत्वपूर्ण योजना है। विभिन्न विभागों के एकीकृत प्रयासों तथा वैज्ञानिक पद्धति से इसके लक्ष्य को सफलतापूर्वक अर्जित किया जा सकता है।

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अपर मुख्य सचिव आर.पी.मंडल ने ‘‘नरवा, गरूवा, घुरवा व बारी’ को पाने के लिए सभी को निष्ठा और मेहनत से कार्य करने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री के सलाहाकार प्रदीप शर्मा ने ‘‘नरवा, गरूवा, घुरवा व बारी’’ योजना की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य हैं जिसमें प्राकृतिक रूप से नालों का जाल फैला हुआ है, हमें ऐसे नालों को बारहमासी रूप में जीवित करना है ताकि पानी रिचार्ज हो सके। गरूवा से न केवल दूध, बल्कि खेती में सहयोग भी प्राप्त होता है। घुरवा के माध्यम से कम लागत में खाद का उत्पादन होता है।

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कार्यशाला में रायपुर जिले की आरंग जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत मंदिर हसौद के स्व-सहायता समूह ‘अन्नपूर्णा ग्राम संगठन’ की महिला सदस्यों को सम्मानित किया गया। इन समूह ने पेवर ब्लाक और इंटो का उत्पादन कर 6 माह में 5 लाख रूपए से ज्यादा का लाभ कमाया है।