प्यारी बिटिया दिवस पर पैडमैन बने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव

प्यारी बिटिया दिवस पर पैडमैन बने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव

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  • Publish Date - May 28, 2019 / 11:28 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:37 PM IST

अंबिकापुर। रील लाइफ के पैडमैन अक्षय कुमार की तरह रियल लाइफ के पैडमैन बने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव। जी हां स्वास्थ्य मंत्री के पैडमैन बनने का नजारा सरगुजा में नजर आया। मौका था प्यारी बिटिया दिवस और डायरिया नियंत्रण पखवाड़े के शुरुआत का राज्यस्तरीय इस कार्यक्रम में शिरकत करते हुए मंत्री टीएस सिंह देव ने जहां सेनेटरी पैड के उपयोग पर जोर दिया तो वही प्रदेश भर में डायरिया से होने वाले मौत के आंकड़ों को कम करने के निर्देश भी स्वास्थ्य कर्मचारियों को दिए।
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दरअसल सरगुजा जिले में पहली बार प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा और 28 मई यानी प्यारी बिटिया दिवस का शुभारंभ किया गया। इस मौके पर डायरिया से होने वाली मौतों के आंकड़े को कम करने के लिए दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था के साथ इनके बंटवारे को लेकर सुनिश्चित व्यवस्था की जाने पर स्वास्थ्य मंत्री ने जोर दिया। स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि अभी भी डायरिया से मौतें हो रही हैं और इसमें बच्चों की संख्या ज्यादा है। ऐसे में इस आंकड़े को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग पंचायत स्तर तक दवाओं की व्यवस्था कर आएगा। इसके साथ ही महिलाओं के मामले को गंभीरता से लेते हुए मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि अब भी महिलाओं के मासिक धर्म को लेकर अवेयरनेस की कमी दिखाई देती है यही कारण है कि ज्यादातर महिलाएं सेनेटरी पैड का उपयोग नहीं करती जिसके कारण उन्हें कई गंभीर बीमारियों का भी सामना करना पड़ता है। मंच से सेनेटरी पैड दिखाते हुए मंत्री ने कहा कि सेनेटरी पेड के शत-प्रतिशत उपयोग को लेकर स्वास्थ्य विभाग कटिबद्ध है और उन्होंने अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि खासकर किशोरी लड़कियों को सेनेटरी पैड शत-प्रतिशत उपलब्ध कराई जा सके इसके लिए व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी।

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मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि करीब 30 लाख किशोरी अलग अलग शिक्षण संस्थानों एवं गांव में निवास करती हैं। ऐसे में सेनेटरी पैड कैसे पहुंचा जाए इसकी व्यवस्था सुनिश्चित कराई जा रही है। सेनेटरी पेड के उपयोग पर जोर देते हुए कहा कि जब तक महिलाएं स्वतंत्र रूप से समाज में भागीदार नहीं बनेगी तब तक समाज स्वतंत्र रूप से विकास नहीं कर सकेगा। उन्होंने महिलाओं और पुरुषों की भागीदारी समाज में बराबरी की होने की बात पर भी जोर दिया। ऐसे में कहा जा सकता है कि स्वास्थ्य मंत्री पैडमैन की भूमिका में आ गए हैं और उनके निर्देशों का स्वास्थ्य विभाग कितना अमल करता है। और किस तरह सेनेटरी पैड के शत-प्रतिशत उपयोग के निर्देशों का पालन किया जाता है यह देखना दिलचस्प होगा।