कांग्रेस के खाते में जा सकती थी कांकेर सीट, जीत का अंतर बेहद कम, दोनों पार्टियों के बाद नोटा को मिले सबसे ज्यादा वोट.. देखिए

कांग्रेस के खाते में जा सकती थी कांकेर सीट, जीत का अंतर बेहद कम, दोनों पार्टियों के बाद नोटा को मिले सबसे ज्यादा वोट.. देखिए

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  • Publish Date - May 24, 2019 / 06:48 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:43 PM IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ के कांकेर लोकसभा सीट में नोट ने कांग्रेस का खेल बिगाड़ दिया। यहां बीजेपी प्रत्याशी मोहन मंडावी ने 5 लाख 43 हजार 376 वोटों से जीत दर्ज की जबकि कांग्रेस प्रत्याशी बीरेश ठाकुर को 5 लाख 37 हजार 999 वोट मिले हैं। जीत का अंतर सिर्फ 6 हजार 914 का है। यहां 26 हजार 692 वोट नोटा पर पड़े हैं।

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कांग्रेस अगर मतदाताओं को मन की बात पढ़ लेती तो शायद कांकेर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी को जीत हासिल हो सकती थी। हालांकि कि ये वोट बीजेपी को भी जाती तो जीत का अंतर और अधिक हो सकता था।

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कांकेर लोकसभा सीट में पिछली बार भी भाजपा काबिज हुई थी। उम्मीदवार बदलने के बावजूद इस बार सत्ता पक्ष के खिलाफ एंटीइनकंबेंसी थी जिसके चलते इतनी संख्या में लोगों ने नोटा का विकल्प चुना। अगर कांग्रेस वोटरों को अपने उम्मीदवार और नीति के बारे में बताती तो इसे अपने पक्ष में कर सकती थी।

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दिलचस्प बात है कि कांकेर सीट पर कुल 9 उम्मीदवार मैदान पर उतरे थे जहां भाजपा पहले और कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही, लेकिन नोटा ने तीसरे स्थान पर कब्जा जमाया। निर्दलियों ने भी अच्छी खासी वोट बटोरी। निर्दलीय उम्मीदवार हरिसिंह सिदार को 11 हजार 447, नरेंद्र नाग 5,750 वोट मिले।

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इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, अंबेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया, भारतीय शक्ति चेतना पार्टी और शिव सेना ने महत्वपूर्ण मत प्राप्त किए। बता दें कि छत्तीसगढ़ में नोटा का विकल्प का चुनने का मामला नया नहीं है। कई चुनावों में राष्ट्रीय पार्टियों का खेल बिगाड़ चुकी है। लेकिन आदिवासी और ग्रामीण इलाकों के लोग नोटा विकल्प को चुन रहे हैं यह सोचनीय बात है।

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