अपने पूंजीपति मित्रों की जमाखोरी के लिए कानून बना रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी : प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया | Pm Modi: Priyanka Gandhi accuses her of making laws for hoarding of her capitalist friends

अपने पूंजीपति मित्रों की जमाखोरी के लिए कानून बना रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी : प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया

अपने पूंजीपति मित्रों की जमाखोरी के लिए कानून बना रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी : प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:54 PM IST, Published Date : February 15, 2021/10:29 am IST

लखनऊ/बिजनौर, 15 फरवरी (भाषा) केन्द्र के नए कृषि कानूनों को पूंजीपतियों के लिए लाभकारी बताते हुए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत राजग सरकार पर आरोप लगाया कि वह ‘अपने पूंजीपति मित्रों की जमाखोरी को बढ़ावा देने वाले कानून बना रहे हैं।’’

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को बिजनौर के चांदपुर में किसान महासभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘(जवाहर लाल) नेहरू ने जमाखोरी के खिलाफ कानून बनाया था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने जो कृषि कानून बनाए हैं उनसे इनके पूंजीपति मित्र अपनी मनमर्जी के हिसाब से जमाखोरी कर सकते हैं।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि नए कानूनों से सरकारी मंडियां बंद हो जाएंगी और सिर्फ निजी कॉरपोरेट खरीददारी बचेंगे जो किसानों का जमकर शोषण करेंगे।

प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं और किसान आंदोलन पर तथा-कथित चुप्पी पर तंज कसते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री अमेरिका, चीन, पाकिस्तान सहित पूरी दुनिया घूम लिए, लेकिन 70 दिनों से दिल्ली के दरवाजों पर बैठे, अपने घर से कुछ किलोमीटर की पर किसानों से मिलने नहीं गए।’’

मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी ‘सेन्ट्रल विस्टा’ परियोजना पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों का 10 हजार करोड़ रुपये और देशभर के किसानों का 15 हजार करोड़ रुपये गन्ना मूल्य बकाया है, लेकिन मोदी जी ने उसका भुगतान करने के बजाए 16 हजार करोड़ रुपये से अपने घूमने के लिए दो विमान खरीदे और संसद भवन के सुंदरीकरण पर 20 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं।’’

केन्द्र के नए कृषि कानूनों पर कांग्रेस नेता ने कहा, ”प्रधानमंत्री जी आपने जो यह कानून बनाया है, उससे देश का किसान, इस देश का गरीब संकट में है, रो रहा है अपना अधिकार मांग रहा है। आप उस कानून को वापस लीजिये, इन कानूनों को रद्द कीजिये । जिन्होंने आपको सत्ता दी है उनका आदर कीजिये, उनको अपमानित मत कीजिये।”

नवंबर के अंत से जारी किसान आंदोलन के परिप्रेक्ष्य में प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘किसान आपके दरवाजे पर खड़ा है, उसका बेटा आपकी सीमा पर खड़ा है। जिस किसान का आप अपमान कर रहे हैं उसका बेटा सीमा पर आपकी सुरक्षा कर रहा है।’’

सरकार को अहंकारी बताते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘नेता दो तरह के होते हैं, कुछ ऐसे होते हैं जिन्हें बहुत अहंकार हो जाता है, वह भूल जाते है कि उन्हें सत्ता देने वाला कौन है। देश के इतिहास में बार-बार ऐसा हुआ है जबकि नेता को अहंकार होने पर देशवासी उसे सबक सिखाते हैं। और जब देशवासी उसे सबक सिखाते है तब वह शर्मिंदा होता है, वह समझता है कि उसका धर्म क्या था।’’

उन्होंने केन्द्र सरकार पर जनता से किए गए वादे पूरे नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘सात साल में जितने वादे किये सारे तोड़ दिए। छोटा व्यापारी था उसकी कमर तोड़ दी। किसान की कमर तोड़ दी, गरीब की मदद नहीं की।’’

प्रियंका गांधी ने केन्द्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह देश के सभी सरकारी उद्योग-धंधों और हवाईअड्डों को अपने मित्रों के हाथों बेच रही है और जो बचे हैं उन्हें बेचने की योजना बना रही है।

केन्द्र सरकार पर पूंजीपतियों के लिए काम करने का आरोप लगाते हुए प्रियंका गांधी ने किसानों से कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता यह (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत सरकार) आपके लिये काम करेंगे, लेकिन मुझे आप पर भरोसा है, देश की जनता पर भरोसा है और आपसे बड़ी उम्मीद है। मुझे उम्मीद है कि आप पीछे नहीं हटेंगे, आप अपने अधिकारों के लिये लड़ेंगे और इस लड़ाई में कांग्रेस और उसका हर एक कार्यकर्ता आपके साथ है।”

प्रियंका गांधी ने किसान आंदोलन के संदर्भ में केन्द्र पर निशाना साधते हुए कहा कि संसद में किसानों को आंदोलनजीवी परजीवी जैसे नाम देकर हंसकर उनका मजाक उड़ाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि कहा, ‘‘संसद में राहुल गांधी ने आंदोलन के दौरान मरे किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए कुछ पल का मौन रखने को कहा लेकिन सत्तापक्ष से कोई खड़ा नहीं हुआ।’’ उन्होंने हरियाणा के मंत्री के कथित वीडियो का भी जिक्र किया जिसमें वह किसानों की मौत का अपमान कर रहे हैं।

प्रियंका गांधी ने सभा समाप्त हो पर किसान आंदोलन के दौरान मरे किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए कुछ पल का मौन रखा।

भाषा सं. जफर अर्पणा

अर्पणा

 

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