राहुल गांधी का बस्तर दौरा, तैयारियों में जुटी कांग्रेस
राहुल गांधी का बस्तर दौरा, तैयारियों में जुटी कांग्रेस
कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बस्तर दौरे को लेकर कांग्रेस ने जहां जगदलपुर से लेकर रायपुर तक कसरत शुरू कर दी है. वहीं जगदलपुर के जामावाड़ा गांव के लोगों को उनके दौरे से काफी उम्मीदें हैं। ये वही आदिवासी गांव है, जहां पांच साल पहले राहुल गांधी गए थे और विकास की खातिर गांव को गोद लेते हुए उनके साथ बैठकर माड़िया पिया था। लेकिन उनके जाने के बाद फिर किसी ने इस गांव को पलटकर नहीं देखा।
जगदलपुर से तेरह किलोमीटर दूर ये है जामावाड़ा गांव। करीब पांच हजार की आबादी वाले इस गांव में कुल एक हजार 36 परिवार रहते हैं और करीब-करीब सब के सब गरीब। पांच साल पहले जब कांग्रेस के युवराज कहे जाने वाले पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी यहां आए थे, तो उन्होंने आदिवासियों का मड़िया पेज पिया।
फिर गांव का बेहतर विकास कर मॉडल गांव बनाने के लिए गोद लिया। राहुल गांधी तो लौट गए, लेकिन पीछे छोड़ गए वायदे और उम्मीदें, जिसे लोग अब भी याद करते हैं। हालांकि विधानसभा चुनाव में इसी गांव के शामू कश्यप को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी चुना, लेकिन उन्हें शिकस्त मिली।
राहुल गांधी के बस्तर दौरे को लेकर कांग्रेस नेता जगदलपुर से रायपुर तक कसरत कर रहे हैं। रायपुर में भी यूथ कांग्रेस की बैठक हुई। जिसमें राहुल गांधी के स्वागत से लेकर दौरे और कार्यशाला के प्रारूप पर रणनीति बनी। नगरनार में विनिवेश के मुद्दे का विरोध कर रहे लोगों के आंदोलन में वे शामिल होकर बस्तर में जनसभा कर सकते हैं। वहीं यूथ कांग्रेस भी बड़े कार्यक्रम की रूपरेखा बना रही है।
बिजली, पानी और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरसते जमावड़ा गांव को इंतजार है कि उनके पालनहार नेता उनके गांव फिर पहुंचेंगे। लेकिन देश में अब तक का राजनीतिक इतिहास यही कहता है कि नेताओं का गरीबों, दलितों के घरों और इलाके में दौरे महज राजनीतिक स्टंट ही रहे हैं।

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