मोदी सरकार की सातवीं वर्षगांठ पर शिवसेना ने आत्ममंथन करने को कहा | Shiv Sena asks for introspection on 7th anniversary of Modi government

मोदी सरकार की सातवीं वर्षगांठ पर शिवसेना ने आत्ममंथन करने को कहा

मोदी सरकार की सातवीं वर्षगांठ पर शिवसेना ने आत्ममंथन करने को कहा

मोदी सरकार की सातवीं वर्षगांठ पर शिवसेना ने आत्ममंथन करने को कहा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:15 pm IST
Published Date: May 30, 2021 11:33 am IST

मुंबई, 30 मई (भाषा) शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि भारत जवाहरलाल नेहरू के समय से लेकर पूर्ववर्ती सरकारों के अच्छे कामों के कारण अस्तित्व में है और मौजूदा मोदी सरकार को इसका आत्ममंथन करने की जरूरत है कि क्या वह लोगों की मूलभूत जरूरतों को पूरा कर पायी है।

महाराष्ट्र कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार की सातवीं वर्षगांठ को ‘‘काले दिन’’ के तौर पर मनाया और केंद्र पर देश को कोविड-19 संकट की ओर ‘‘धकेलने’’ का आरोप लगाया।

महा विकास आघाडी के तौर पर महाराष्ट्र में शिवसेना और राकांपा के साथ सत्ता साझा करने वाली कांग्रेस ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किया और दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पास सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि केंद्र सरकार ‘‘सभी मोर्चों पर नाकाम’’ रही है।

पत्रकारों से यहां बातचीत में राउत ने कहा, ‘‘देश पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह की सरकारों के अच्छे कामों पर जी रहा है।’’

शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि काफी कुछ किया जाना है। कोविड-19 महामारी के कारण महंगाई, बेरोजगारी और अशांति की समस्याएं हैं।

राउत ने कहा, ‘‘जब आपको बहुमत मिला तो इसका मतलब है कि लोगों ने विश्वास के साथ आपको सत्ता सौंपी। लोगों की जरूरतें और मांग बहुत कम है। उन्हें आजीविका की जरूरत है। स्वास्थ्य एवं शैक्षिक सुविधाओं के साथ ही रोटी, कपड़ा और मकान भी महत्वपूर्ण हैं।’’

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को ‘‘अवलोकन’’ करना चाहिए कि क्या पिछले सात वर्षों में यह हासिल किया गया।

राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘अधिक ध्यान देने और कड़ी मेहनत की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री मोदी में नेतृत्व क्षमता है और उम्मीद है कि वह देश को उचित दिशा देंगे।’’

एक सवाल के जवाब में राउत ने कहा कि यह अच्छी बात है कि मोदी सरकार पर ‘‘भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं’’ है।

राउत ने कहा, ‘‘कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कुछ मुद्दे उठाए हैं, जिनके जवाब नहीं दिए गए।’’

उन्होंने कहा कि केंद्र सभी राज्यों का ‘‘संरक्षक’’ है। उन्होंने कहा, ‘‘अपने बच्चों की तरह सभी राज्यों की देखभाल करिए। सभी राज्यों के साथ समान न्याय की उम्मीद है।’’

उन्होंने यह भी कहा कि चक्रवात राहत पर प्रधानमंत्री की बैठकों के लिए केवल पश्चिम बंगाल और गुजरात में विपक्षी नेताओं को बुलाया गया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन मुद्दों को उठाया है।

इस बीच, महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि उनकी सरकार मोदी सरकार की वर्षगांठ को ‘‘काले दिन’’ के रूप में मना रही है।

उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार कोविड-19 की पहली लहर के दौरान पिछले साल गुजरात में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का स्वागत करने में व्यस्त थीं और फिर उसने तबलीगी जमात के समारोह को वायरस फैलाने का जिम्मेदार ठहराते हुए महामारी को ‘‘साम्प्रदायिक रंग’’ दे दिया।

उन्होंने कहा कि दूसरी लहर के दौरान जब कोविड-19 के मामले और मृतकों की संख्या बढ़ रही थी तो मोदी सरकार पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने में व्यस्त थी।

पटोले ने कहा, ‘‘मोदी सरकार ने देश को कोविड-19 संकट की ओर धकेल दिया और उसे सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस्तीफा देना चाहिए।’’

उन्होंने कोविड-19 टीकाकरण अभियान के कथित कुप्रबंधन को लेकर भी केंद्र पर निशाना साधा।

केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी सरकार के पास किसानों के मुद्दों को हल करने का वक्त नहीं है।

इस बीच, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चह्वाण ने पुणे में केंद्र के खिलाफ एक प्रदर्शन की अगुवाई की जबकि राज्य के पीडब्ल्यूडी मंत्री अशोक चह्वाण ने औरंगाबाद में प्रदर्शन किया।

राज्य के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने नासिक में, ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने नागपुर, राहत एवं पुनर्वास मंत्री विजय वडेट्टीवार ने अमरावती और चिकित्सा शिक्षा मंत्री अमित देशमुख ने लातूर में प्रदर्शन किया।

भाषा

गोला दिलीप

दिलीप

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