मस्जिद के सामने से गाजे-बाजे के साथ बारात निकालने को लेकर दो समुदायों में तनाव | Tension prevails between two communities over the removal of barat with gaje-baje from the front of the mosque

मस्जिद के सामने से गाजे-बाजे के साथ बारात निकालने को लेकर दो समुदायों में तनाव

मस्जिद के सामने से गाजे-बाजे के साथ बारात निकालने को लेकर दो समुदायों में तनाव

मस्जिद के सामने से गाजे-बाजे के साथ बारात निकालने को लेकर दो समुदायों में तनाव
Modified Date: November 29, 2022 / 07:59 pm IST
Published Date: June 1, 2021 9:52 am IST

अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश), एक जून (भाषा) अलीगढ़ जिले के टप्पल क्षेत्र स्थित नूरपुर गांव में मस्जिद के सामने से गाजे-बाजे के साथ बारात निकाले जाने को लेकर दो समुदायों के बीच तनाव उत्पन्न होने के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

पुलिस सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि नूरपुर गांव में गत 26 मई को बहुसंख्यक समुदाय के एक व्यक्ति की बारात गाजे-बाजे के साथ एक मस्जिद के सामने से गुजर रही थी। इस पर दूसरे समुदाय के लोगों ने मस्जिद के आगे गाने बजाने पर आपत्ति जाहिर की थी।

इस मामले में बहुसंख्यक समुदाय के सदस्यों ने एक मुकदमा दर्ज कराया जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने बारात पर पथराव किया और लाठी से हमला किया। इस घटना में अनेक लोगों को चोट आई और उनकी कई गाड़ियों के शीशे टूट गए।

इस मामले में वकील, कलुआ, मुस्तकीम, शरफू, अंसार, सोहेल, फारूक, अमजद, तौफीक, शाजोर, लेहरु तथा कुछ अन्य लोगों के खिलाफ भारतीय दंड विधान तथा दलित एक्ट की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।

विवाह समारोह का आयोजन करने वाले परिवार के सदस्यों ने सोमवार को एक वीडियो जारी करके आरोप लगाया कि वह 26 मई की घटना से बहुत व्यथित हैं और उन्होंने अपने घरों के बाहर मकान बिकाऊ होने का पर्चा चिपका दिया है। वे किसी और स्थान पर पलायन करना चाहते हैं क्योंकि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग उन्हें परेशान करते हैं।

वीडियो वायरल होने के बाद क्षेत्रीय भाजपा सांसद सतीश गौतम और विधायक अनूप प्रधान ने गांव का दौरा किया और आश्वासन दिया कि किसी को भी अपनी सुरक्षा की चिंता करने की जरूरत नहीं है।

सांसद गौतम ने कहा,‘‘ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में किसी भी व्यक्ति के पलायन का कोई सवाल ही नहीं उठता। इस मामले में दोषी लोगों को ऐसी सजा दी जाएगी जो मिसाल बनेगी।’’

उधर, अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें इस बात की उम्मीद थी कि सांसद उनकी बात भी सुनेंगे, लेकिन यह उम्मीद बेकार गई।

उन्होंने 26 मई को मस्जिद के सामने से बारात निकाले जाने को लेकर अल्पसंख्यक पक्ष द्वारा किसी भी तरह का हमला किए जाने के आरोपों से सिरे से इनकार किया।

पुलिस का कहना है कि वह इस मामले की जांच कर रही है और जिसने भी माहौल खराब करने की कोशिश की है उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

भाषा सं सलीम

मनीषा शोभना

मनीषा

लेखक के बारे में