व्यापमं घोटाले का​ जिन्न फिर से आया बाहर, एसटीएफ ने शुरू की 197 शिकायतों की जांच, गड़बड़ी मिली तो होगी FIR

व्यापमं घोटाले का​ जिन्न फिर से आया बाहर, एसटीएफ ने शुरू की 197 शिकायतों की जांच, गड़बड़ी मिली तो होगी FIR

व्यापमं घोटाले का​ जिन्न फिर से आया बाहर, एसटीएफ ने शुरू की 197 शिकायतों की जांच, गड़बड़ी मिली तो होगी FIR
Modified Date: November 29, 2022 / 07:50 pm IST
Published Date: July 27, 2019 4:47 am IST

भोपाल। सरकार द्वारा गुरूवार को शिकायतों की जांच के आदेश दिए जाने के बाद व्यापमं घोटाले में पेंडिंग शिकायतों की जांच फिर से शुरू हो गई है। STF ने 197 शिकायतों की जांच शुरू कर दी है। इस जांच में यदि गड़बड़ी के तथ्य मिले तो FIR पर फैसला लिया जाएगा। व्यापम घोटाले की 2016 में CBI जांच शुरु होने पर STF ने सभी शिकायतों को वापस भेजा दिया था।

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इस मामले में मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व सीएम दिग्जिवय सिंह (Digvijaya Singh) ने दो दिन पहले सीएम कमलनाथ को पत्र लिखा था। इस पत्र के जरिये उन्होंने घोटाले के मुख्य आरोपियों को कानून के दायरे में लाकर सजा दिलाने के लिए आवश्यक पहल करने की मांग की है। दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने पत्र में कहा है, ‘वर्ष 2013 में चिकित्सा महाविद्यालयों की प्रवेश परीक्षा के दौरान व्यापम घोटाला उजागर हुआ। इस घोटाले को सिर्फ मेडिकल परीक्षा तक सीमित रखा गया। तत्कालीन सरकार ने विद्यार्थियों को मोहरा बनाया और मामले में सिर्फ छात्रों व युवाओं को आरोपी बनाया, जबकि इस घोटाले को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपियों को बचाया गया।’

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पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने आगे लिखा, ‘पीएमटी प्रवेश परीक्षा के घोटाले में 1450 छात्रों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए और उनके परिजनों को भी इस बाबत आरोपी बनाया गया। लगभग तीन हजार लोगों को कुल मिलाकर आरोपी बनाया। यह घोटाला पीएमटी परीक्षा तक सीमित नहीं है, जबकि नौकरी में भर्ती के लिए व्यापम द्वारा आयोजित परीक्षाओं में भी घोटाला हुआ। वर्तमान में फर्जी तरीके से चयनित लोग नौकारी कर रहे हैं।’ सिंह ने हरियाणा में हुए शिक्षक भर्ती घोटाले का उदाहरण देते हुए कहा, ‘वहां घोटाला सामने आने पर अभ्यर्थियों को सरकारी गवाह बनाया गया था जिसकी वजह से मुख्य आरोपियों को सजा मिली, जबकि मध्य प्रदेश में अभ्यर्थियों को आरोपी बना दिया गया।’

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com