पत्थरों से निकलती है वाद्य यंत्रों जैसी ध्वनी, इनके बारे में कई तरह की कहानियां है प्रचलित.. जानिए

पत्थरों से निकलती है वाद्य यंत्रों जैसी ध्वनी, इनके बारे में कई तरह की कहानियां है प्रचलित.. जानिए

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  • Publish Date - July 18, 2019 / 08:19 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:53 PM IST

अलीराजपुर, मध्यप्रदेश। अलीराजपुर से 25 किमी दूर फाटा गांव के जंगलों में मौजूद पत्थरों से मधुर ध्वनि निकलती है। इन पत्थरों को इलाके के आदिवासी ग्रामीण स्थानीय भाषा में ‘बाजणां पत्थर’ कहते हैं। इस पत्थर को हिलाने पर यह किसी ढोल या डमरू की तरह आवाज़ करता है। इस पत्थर की आवाज को लेकर इलाके में कई तरह की कहानियां प्रचलित है।

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इलाके के ग्रामीणों की माने तो यह पत्थर सदियों पुराना है। सालों पहले आदिवासी इस पत्थर की ध्वनि का उपयोग स्थानीय रहवासियों को सचेत करने या कोई सन्देश देने के लिए किया करते थे। प्रचलित कहानियों के अनुसार गांव पर कोई संकट होने की स्थिति में ग्रामीण इस पत्थर को बजा कर पूरे गांव को सचेत कर करते थे।

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इस पत्थर की ध्वनि पहले 25 किमी तक सुनाई देती थी। लेकिन अब यह 4 से 5 किमी तक ही सुनाई देती है। स्थानीय रहवासियों की माने तो होली और दीपावली पर इन पत्थरों को विशेष रूप से पूजा जाता है। कभी ग्रामीणों के लिए सामूहिक सन्देश देने के काम आने वाला यह पत्थर अब युवाओं के लिए पर्यटन स्थल बन गया है।

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पत्थरों से निकलती है वाद्य यंत्रों जैसी ध्वनी

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