बुरी खबरः इस तारीख से सरकारी सेवा में आए अधिकारी-कर्मचारियों को नहीं मिलेगी पेंशन, कई कर्मचारी संगठनों ने जताई नाराजगी

बुरी खबरः इस तारीख से सरकारी सेवा में आए अधिकारी-कर्मचारियों को नहीं मिलेगी पेंशन, कई कर्मचारी संगठनों ने जताई नाराजगी

बुरी खबरः इस तारीख से सरकारी सेवा में आए अधिकारी-कर्मचारियों को नहीं मिलेगी पेंशन, कई कर्मचारी संगठनों ने जताई नाराजगी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:02 pm IST
Published Date: January 27, 2021 12:28 pm IST

भोपाल। एक जनवरी 2005 के बाद सरकारी सेवा में आए मध्य प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारियों के लिए ये बुरी खबर है। इस तरीख के बाद सरकारी नौकरी ज्वाइन करने वाले करीब चार लाख से अधिक कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा। इन चार लाख सरकारी कर्मचारियों में विभिन्न विभागों के कर्मचारी, अध्यापक और पंचायत सचिव शामिल हैं। 

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दरअसल एक जनवरी 2005 से सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू पुरानी पेंशन स्कीम समाप्त कर दी गई है… इस अवधि के बाद नौकरी में आए कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन लागू करने की मांग को लेकर मध्य प्रदेश वित्त विभाग को आवेदन किया था… इसमें बड़ी संख्या में अध्यापकों ने भी जिला शिक्षा अधिकारियों के मार्फत लोक शिक्षण संचालनालय को आवेदन भेजे थे… सबसे अधिक आवेदन भोपाल, ग्वालियर, शाजापुर, शिवपुरी, मंदसौर, उज्जैन, रीवा, दतिया, नीमच और रायसेन से भेजे गए थे। 

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अध्यापकों के आवेदन पर लोक शिक्षण संचालनालय ने वित्त विभाग से इस संबंध में राय ली थी… इन आवेदनों पर वित्त विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रदेश में पेंशन नियम 1972 लागू नहीं हैं… ऐसे में एक जनवरी 2005 के बाद सरकारी सेवा में आए किसी भी वर्ग के कर्मचारी को पुरानी पेंशन नहीं दी जा सकती… वित्त विभाग के इस निर्णय पर कर्मचारी संगठनों ने नाराजगी जाहिर करते हुए सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है। 

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वहीं सत्ताधारी पार्टी बीजेपी का तर्क है कि जब देश में ही पुरानी पेंशन बंद कर दी गई है… तो प्रदेश में कैसे संचालित रह सकती है… वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रदेश के साथ देश में कांग्रेस की सरकार आई तो इस मामले पर गंभीरता से सुनवाई होगी। 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com