दलित महिला मजदूर के क्षेत्र पंचायत प्रमुख बनने पर योगी ने कहा, यही है लोकतंत्र की सुंदरता

दलित महिला मजदूर के क्षेत्र पंचायत प्रमुख बनने पर योगी ने कहा, यही है लोकतंत्र की सुंदरता

दलित महिला मजदूर के क्षेत्र पंचायत प्रमुख बनने पर योगी ने कहा, यही है लोकतंत्र की सुंदरता
Modified Date: November 29, 2022 / 08:23 pm IST
Published Date: July 12, 2021 10:51 am IST

लखनऊ/बहराइच, 12 जुलाई (भाषा) बहराइच जिले के पयागपुर विकासखंड से निर्विरोध क्षेत्र पंचायत प्रमुख चुनी गईं एक दलित मजदूर महिला को सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बधाई दी।

मुख्यमंत्री ने महिला मजदूर के क्षेत्र पंचायत प्रमुख बनने की खबर को टैग करते हुए ट्वीट किया, ”नये उत्तर प्रदेश में मातृशक्ति का सशक्तिकरण।” उन्होंने आगे लिखा, ” एक मनरेगा मजदूर की पत्नी ‘क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष’ निर्वाचित हो गई, यही है लोकतंत्र की सुंदरता। जीविका के लिए खेती व मजदूरी पर निर्भर गीता जी पहली बार क्षेत्र पंचायत सदस्‍य बनी थीं। यह है नये भारत का नया उत्तर प्रदेश।”

मुख्यमंत्री ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ” उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार, आदरणीय प्रधानमंत्री जी के मंत्र ‘सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास’ को निरंतर चरितार्थ कर रही है। गीता जी का क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष बनना प्रदेश की भाजपा सरकार की वंचित वर्ग के सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्धता का परिणाम है।”

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वहीं, बहराइच से मिली रिपोर्ट के अनुसार, बेलवा पदुम निवासी गीता देवी शनिवार को निर्विरोध क्षेत्र पंचायत प्रमुख चुनी गईं। उनके पति पवन कुमार मनरेगा जॉब कार्ड धारक हैं और गांव में मजदूर के रूप में काम करते हैं। गांव में उनके पास चार बीघा कृषि भूमि और एक कमरे वाला घर है। गीता 12वीं पास हैं और रोजी-रोटी कमाने के बाद बचे समय में सामाजिक कार्य करती हैं और कोरोना महामारी के दौरान जनसेवा के लिए किए गए कार्यों के लिए प्रसिद्ध हैं।

गीता को क्षेत्र पंचायत सदस्य के रूप में निर्विरोध चुना गया और बाद में निर्विरोध क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष चुना गया।

प्राथमिकताओं के बारे में पूछे जाने पर गीता ने कहा, ‘मैं अपने क्षेत्र के विकास के लिए हर संभव प्रयास करूंगी। मैं सभी गांवों में सड़क बनवाने की कोशिश करूंगी।’

जिस गांव से गीता देवी बीडीसी सदस्य चुनी गईं उस गांव के प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका प्रीति समय मिश्र ने सोमवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि ”कोरोना काल में जब गांव में कैंप लगाकर सेवा कार्य किया जा रहा था तब गीता देवी ने कोरोना योद्धा के रूप में अपनी जान की परवाह किये बिना गांव और आसपास के लोगों की मदद की।”

भाषा सं आनन्द शफीक


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