बाघों को सुरक्षित रखने पहनाए गए रेडियो कॉलर,अब हर समय होगी उन पर नज़र

बाघों को सुरक्षित रखने पहनाए गए रेडियो कॉलर,अब हर समय होगी उन पर नज़र

  •  
  • Publish Date - March 16, 2019 / 08:20 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:19 PM IST

पन्ना। पन्ना टाइगर रिजर्व के बहुत से बाघ अपना रहवास छोड़कर इंसानी आबादी की ओर भाग रहे हैं। जिससे ग्रामीणों के साथ साथ टाइगर के जीवन में भी खतरा पैदा हो गया है। टाईगर की सुरक्षा खतरे में न हो इसके लिए पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने चंद्रनगर रेंज में बीते 2 साल से अकेले रहवासी क्षेत्र की ओर घूम रही एक बाघिन पी 222 को पकड़कर रेडियो कॉलर पहनाया है।

ये भी पढ़ें –छत्तीसगढ़ की लोक गायिका तीजन बाई को मिला पद्म विभूषण पुरस्कार, साथ ह…

बताया जा रहा है कि विशेषज्ञों की टीम ने पहले इस बाघिन को बेहोश किया फिर गले में रेडियो कॉलर पहनाया जिससे अब उसकी 24 घंटे निगरानी की जाएगी। इसके लिए विशेष दल भी लगा दिया गया है।
ये भी पढ़ें –सिंघानिया बिल्डकॉन के रिकवरी एजेंट पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज, 31 लाख…

इस विषय में जांगरे ईश्वर रामहरि डिप्टी डायरेक्टर पन्ना टाइगर रिजर्व का कहना है कि दरअसल पन्ना टाइगर रिजर्व में 9 साल पूर्व बाघ पूरी तरीके से खत्म हो गए थे। वीरान हो चुके बुंदेलखंड के इस जंगल में टाइगर पुनः बसाने के लिए दुनिया का पहला सफल प्रयोग भी किया गया जिसमें बाहर से लाकर 5 टाइगर को छोड़ा गया जिसकी संतान बढ़कर अब 40 हो गई है,और यह बाघ अब अपना रहवास छोड़कर बाहरी इलाकों में घूम रहे है। जिससे उनकी जीवन को खतरा पैदा हो गया था। टाइगर को रेडियो कॉलर पहना दिए जाने से अब जो शिकारियों का क्षेत्र में खतरा है उसे 24 घंटे निगरानी होगी और बाघ के विचरण को भी लगातार देखा जा सकेगा। रेडियो कॉलर एक ऐसा यंत्र  है जो बाघ की गले में पहना दिया जाता है और 24 घंटे जीपीएस और पल्स से उसकी निगरानी की जाती है पूरी जानकारी कंट्रोल रूम में उपलब्ध कराता है और एक टीम उसके पीछे निगरानी करती है जिससे अब बाघों की सुरक्षा और सख्त हो गई है।