बसपा विधायक मुख्तार अंसारी की सदस्यता रद्द करने की याचिका का परीक्षण शुरू

बसपा विधायक मुख्तार अंसारी की सदस्यता रद्द करने की याचिका का परीक्षण शुरू

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:23 PM IST
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Published Date: November 5, 2020 4:33 pm IST

लखनऊ, पांच नवम्बर (भाषा) जेल में बंद मऊ से बाहुबली बसपा विधायक मुख्तार अंसारी की सदस्यता रद्द करने की याचिका पर कार्यवाही शुरू हो गयी है। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने मामले की जांच प्रमुख सचिव को सौंप दी है।

दीक्षित ने यहां संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने मुख्तार की सदस्यता समाप्त करने का पूरा मामला विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे को परीक्षण के लिये सौंप दिया है।

उन्होंने कहा कि कई विधानसभा सदस्य लिखकर या मौखिक इजाजत लेते हैं। शुरू से ही यह परम्परा चली आ रही है कि अगर किसी सदस्य को दो दिन भी अनुपस्थित रहना है तो वह विधानसभा अध्यक्ष या पीठासीन अधिकारी या सभापति से अनुमति लेता है।

दीक्षित ने कहा कि उन्हें याद नहीं आता कि बसपा विधायक मुख्तार अंसारी ने कभी विधानसभा की कार्यवाही में अपनी अनुपस्थिति के लिये उन्हें कोई प्रार्थनापत्र दिया है।

गौरतलब है कि वाराणसी के रहने वाले सुधीर सिंह ने बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष को दी गयी याचिका में आरोप लगाया है कि मुख्तार वर्ष 2017 में मऊ सीट से विधायक होने के बाद बिना अनुमति के विधानसभा की कार्यवाही से अनुपस्थित रहे हैं। संविधान के अनुच्छेद 190 (4) के अनुसार लगातार 60 कार्यदिवसों तक सत्र में अनुपस्थित रहने वाले विधायक की सदस्यता रद्द की जा सकती है।

उन्होंने दावा किया कि मुख्तार पिछले साढ़े तीन साल से एक बार भी विधानसभा की बैठक में शामिल नहीं हुए और न ही उन्होंने अपनी अनुपस्थिति के सिलसिले में कोई अर्जी दी, लिहाजा मुख्तार की सदस्यता समाप्त कर उस पर उपचुनाव कराया जाए।

हालांकि मुख्तार के भाई और गाजीपुर से बसपा सांसद अफजाल अंसारी ने इसे सस्ती लोकप्रियता पाने की कोशिश और साजिश का हिस्सा करार देते हुए तमाम आरोपों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि मुख्तार इस कार्यकाल में विधायक बनने के बाद कई बार विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा ले चुके हैं।

भाषा सलीम अर्पणा

अर्पणा

 

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