‘मधुर गुड़ योजना’ से दूर होंगे एनीमिया और कुपोषण, मुख्यमंत्री के प्रयासों को यूनिसेफ ने भी सराहा

'मधुर गुड़ योजना' से दूर होंगे एनीमिया और कुपोषण, मुख्यमंत्री के प्रयासों को यूनिसेफ ने भी सराहा

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  • Publish Date - January 22, 2020 / 01:59 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:36 PM IST

रायपुर। बस्तर संभाग से कुपोषण को खत्म करने के लिए सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है। राज्य सरकार ने बस्तर क्षेत्र के सात जिलों में कुपोषण और एनीमिया का मुकाबला करने के लिए मधुर गुड़ योजना की शुरुआत की है। प्रदेश में कुपोषण एक बड़ी समस्या है और इसे खत्म करना चुनौतीपूर्ण है। यहां के बच्चे कुपोषित हैं और महिलाएं खून की कमी अर्थात एनीमिया से पीड़ित हैं।

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इस योजना से 6 लाख 59 हजार से अधिक गरीब परिवारों को लाभ मिलेगा। प्रत्येक गरीब परिवार को 17 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से दो किलोग्राम गुड़ प्रतिमाह दिया जाएगा। इस योजना में हर साल 15 हजार 800 टन गुड़ बांटा जाएगा और इस पर 50 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इससे विटामिन सी और आयरन की कमी दूर की जा सकेगी। कुपोषित और एनीमिया के शिकार बच्चे और गर्भवती महिलाओं को नजदीकी राशन दुकानों से दिया जाएगा।

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कुपोषण और एनीमिया के बड़े कारक मलेरिया से मुक्ति के भी प्रयास किए ज रहे हैं। वहीं दंतेवाडा जिले में कुपोषण मुक्ति के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान व्यापक स्तर पर संचालित किया जा रहा है। साथ ही मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजनान्तर्गत हाट-बाजारों में स्वास्थ्य शिविरों का निरंतर आयोजन किया जा रहा है। इसके साथ ही सघन मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।

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छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयासों को अंतरार्ष्ट्रीय संस्था यूनिसेफ ने भी सराहना की है। यूनिसेफ इंडिया ने अपने ट्वीटर हैण्डल से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान की पोस्ट साझा करते हुए लिखा, खून की कमी और कुपोषण रोकने के लिए मलेरिया की रोकथाम बहुत जरूरी कदम है। इससे बस्तर के आदिवासी इलाकों में महिलाओं और बच्चों की जान बचाई जा सकती है। यह छत्तीसगढ़ सरकार का महत्वपूर्ण कदम है।

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<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”hi” dir=”ltr”>खून की कमी और कुपोषण रोकने के लिए मलेरिया की रोकथाम बहुत जरूरी कदम है जिससे बस्तर के आदिवासी इलाकों में महिलाओं और बच्चों की जान बचाई जा सकती है। यह छत्तीसगढ़ सरकार का बहुत महत्वपूर्ण कदम है। <a href=”https://t.co/Lkwoh9ziP5″>https://t.co/Lkwoh9ziP5</a></p>&mdash; UNICEF India (@UNICEFIndia) <a href=”https://twitter.com/UNICEFIndia/status/1217732217704566784?ref_src=twsrc%5Etfw”>January 16, 2020</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>