व्यापमं घोटाला : असली उम्मीदवार के बदले पीएमटी में बैठने वाले जालसाज को सश्रम कारावास | Vyapam scam: Fraudster who sat in PMT in lieu of real candidate sentenced to jail

व्यापमं घोटाला : असली उम्मीदवार के बदले पीएमटी में बैठने वाले जालसाज को सश्रम कारावास

व्यापमं घोटाला : असली उम्मीदवार के बदले पीएमटी में बैठने वाले जालसाज को सश्रम कारावास

व्यापमं घोटाला : असली उम्मीदवार के बदले पीएमटी में बैठने वाले जालसाज को सश्रम कारावास
Modified Date: November 29, 2022 / 07:47 pm IST
Published Date: January 22, 2021 12:36 pm IST

इंदौर, 22 जनवरी (भाषा) मध्यप्रदेश के कुख्यात व्यापमं घोटाले से जुड़े पीएमटी फर्जीवाड़े के मामले में यहां विशेष अदालत ने 39 वर्षीय व्यक्ति को शुक्रवार को पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई।

व्यापमं घोटाले के मामलों के लिए गठित विशेष अदालत के न्यायाधीश यतीन्द्र कुमार गुरु ने मनीष कुमार सिन्हा (39) को मध्यप्रदेश मान्यताप्राप्त परीक्षा अधिनियम की सम्बद्ध धाराओं के साथ ही भारतीय दंड विधान की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (दस्तावेजों की जालसाजी) और अन्य प्रावधानों के तहत दोषी करार दिया। मुजरिम, बिहार की राजधानी पटना से ताल्लुक रखता है।

मामले की जांच करने वाली सीबीआई ने विशेष अदालत में सिन्हा पर आरोप साबित किया कि वह व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) द्वारा वर्ष 2004 में आयोजित प्री-मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) के दौरान खंडवा स्थित परीक्षा केंद्र में संत कुमार त्रिवेदिया नाम के मूल उम्मीदवार के स्थान पर बैठा था। त्रिवेदिया, मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले का रहने वाला है।

विशेष लोक अभियोजक रंजन शर्मा ने सीबीआई की ओर से पैरवी करते हुए सिन्हा पर जुर्म साबित करने के लिए अदालत में 21 गवाह पेश किए।

अभियोजन के मुताबिक फर्जीवाडे़ का खुलासा तब हुआ, जब परीक्षा केंद्र में एक पर्यवेक्षक ने पाया कि सिन्हा के पास मिले प्रवेश पत्र पर नाम तो त्रिवेदिया का ही लिखा हुआ है। लेकिन इस दस्तावेज पर चस्पा फोटो सिन्हा के चेहरे से मेल नहीं खा रहा है।

अभियोजन के मुताबिक सिन्हा कथित रूप से धन के बदले मध्यप्रदेश के पीएमटी फर्जीवाड़े में शामिल हुआ था।

उच्चतम न्यायालय के वर्ष 2015 में दिए गए आदेश के तहत व्यापमं घोटाले से जुड़े मामलों की जांच सीबीआई कर रही है।

व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) की आयोजित प्रवेश और भर्ती परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर धांधली सामने आने के बाद राज्य सरकार ने इसका आधिकारिक नाम बदलकर ‘प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड’ कर दिया था।

भाषा हर्ष

रंजन पवनेश

पवनेश

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