BSE Share Price: SEBI की नई चाल से हिल सकता है डेरिवेटिव बाजार, BSE के शेयर ने पकड़ी रफ्तार

BSE Share Price: SEBI की नई चाल से हिल सकता है डेरिवेटिव बाजार, BSE के शेयर ने पकड़ी रफ्तार

BSE Share Price: SEBI की नई चाल से हिल सकता है डेरिवेटिव बाजार, BSE के शेयर ने पकड़ी रफ्तार

(BSE Share Price, Image Credit: Meta AI)

Modified Date: September 12, 2025 / 04:06 pm IST
Published Date: September 12, 2025 3:29 pm IST
HIGHLIGHTS
  • BSE के शेयर 12 सितंबर को 1.66% चढ़े
  • SEBI जल्द ला सकता है वीकली एक्सपायरी पर कंसल्टेशन पेपर
  • सभी एक्सचेंजों में एकसमान एक्सपायरी डेट पर विचार

BSE Share Price: 12 सितंबर 2025 को बीएसई के शेयर 1.66% चढ़े। जानकारी के अनुसार सेबी जल्द ही वीकली F&O कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने को लेकर कंसल्टेशन पेपर ला सकता है और मंथली एक्सपायरी व एकसमान एक्सपायरी डेट की योजना बना रहा है।

BSE Share Price: दरअसल, सूत्रों के हवाले से बताया गया कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) अगले एक महीने के भीतर वीकली एफएंडओ (F&O) कॉन्ट्रैक्ट्स को समाप्त करने को लेकर एक कंसल्टेशन पेपर जारी कर सकता है। सेबी का मकसद डेरिवेटिव्स बाजार में ट्रेडिंग वॉल्यूम को संतुलित करना है।

बीएसई के शेयरों में तेजी

आज, 12 सितंबर को दोपहर 2.56 बजे तक बीएसई (BSE) के शेयरों में 1.66% की बढ़ोतरी देखने को मिली है, जो 2,198.70 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहा था। वहीं, आज का इंट्राडे हाई लेवल 2,223 रुपये और लो लेवल 2,179.30 रुपये दर्ज किया गया।

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मंथली एक्सपायरी सिस्टम को अपनाने की योजना

सेबी एक ‘डिफाइंड ग्लाइड पाथ’ के तहत वीकली एक्सपायरी को चरणबद्ध तरीके से समाप्त कर मंथली एक्सपायरी सिस्टम अपनाने की योजना बना रहा है। साथ ही, सभी एक्सचेंजों पर एक ही दिन एक्सपायरी रखने पर भी विचार किया जा रहा है, ताकि पारदर्शिता और एकरूपता बनी रहे।

सेबी बोर्ड को जानकारी दी

सूत्रों के हवाले से बताया गया कि 12 सितंबर को सेबी बोर्ड को डेरिवेटिव्स की अवधि बढ़ाने से जुड़ी प्राथमिक जानकारी दी गई। एक्सचेंजों के साथ परामर्श प्रक्रिया अगले हफ्ते शुरू होने की संभावना है।

चेयरमैन की पिछली टिप्पणी

सेबी चेयरमैन तुहिन कांत पांडे पहले ही इस बात के संकेत दे चुके हैं कि इक्विटी डेरिवेटिव्स की अवधि बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा था कि इससे पहले इंडस्ट्री से सलाह-मशविरा किया जाएगा और एक विस्तृत कंसल्टेशन पेपर लाया जाएगा।

कारोबार पर प्रभाव की आशंका

एक्सपर्ट्स का मानना है कि डेरिवेटिव्स की अवधि बढ़ाने से बीएसई और ब्रोकिंग फर्म्स के कारोबार के वॉल्यूम पर प्रभाव पड़ सकता है। फिलहाल, सेबी प्रति एक्सचेंज केवल एक वीकली कॉन्ट्रैक्ट की अनुमति देता है और इसकी एक्सपायरी डेट भी निर्धारित करता है।

नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

मैं 2018 से पत्रकारिता में सक्रिय हूँ। हिंदी साहित्य में मास्टर डिग्री के साथ, मैंने सरकारी विभागों में काम करने का भी अनुभव प्राप्त किया है, जिसमें एक साल के लिए कमिश्नर कार्यालय में कार्य शामिल है। पिछले 7 वर्षों से मैं लगातार एंटरटेनमेंट, टेक्नोलॉजी, बिजनेस और करियर बीट में लेखन और रिपोर्टिंग कर रहा हूँ।