Vodafone Idea Share Price: सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से वोडा-आइडिया के शेयरों में आया तूफानी रुख, भाव 9 रुपये से नीचे आते ही निवेशकों में उत्साह…
सुप्रीम कोर्ट ने वोडा-आइडिया की याचिका पर वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों को सुनने के बाद अगली सुनवाई शुक्रवार तय किया है। इस खबर से कंपनी के शेयर में शानदार तेजी आई और निवेशक शेयर खरीदने लगे।
(Vodafone Idea Share Price, Image Credit: ANI News)
- सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन आइडिया को बड़ी राहत दी।
- 2016-17 तक के अतिरिक्त AGR मांगों पर सुनवाई 26 सितंबर को होगी।
- शेयर में 12% से ज्यादा की तेजी, भाव ₹8.82 तक पहुंचा।
Vodafone Idea Share Price: टेलीकॉम कंपनी वोडफोन आइडिया लिमिटेड को सुप्रीम कोर्ड ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने उस याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई है, जिसमें 2016-17 तक के अतिरिक्त समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) मांगों को रद्द करने की मांग की गई है। न्यायालय ने इस मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर 2025 के लिए तय कर दी है। वहीं, इस खबर के बाद वोडाफोन आइडिया के शेयर में जबरदस्त तेजी देखने को मिली और निवेशक बड़ी संख्या में शेयर खरीदने लगे।
शेयरों में 12% से ज्यादा की तेजी
सुनवाई की अगली तारीख तय होने के खबर के बाद वोडाफोन आइडिया के शेयर में रॉकेट की तेजी आई है। ट्रेडिंग के दौरान इस शेयर का भाव 8.82 रुपये के इंट्रा-डे हाई तक पहुंच गया, जबकि एक दिन पहले इसकी कीमत 8 रुपये से भी कम थी। इसकी वजह से निवेशकों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है, खास तौर पर जब यह शेयर 9 रुपये के निचले स्तर के आसपास ट्रेड कर रहा था। इस तेजी ने कंपनी के निवेशकों के भरोसे को बढ़ा दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ, जिसमें मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई, न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एन. वी. अंजारिया शामिल हैं, उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों को ध्यान से सुना। इसके बाद याचिका पर विचार के लिए अगली सुनवाई 26 सितंबर तय की गई है। विधि अधिकारियों का कहना है कि मामले में अब परिस्थितियां बदल गई हैं और पक्ष समाधान निकालने के लिए इच्छुक हैं।
वोडाफोन आइडिया की याचिका क्या है?
वोडाफोन आइडिया ने 8 सितंबर 2025 को एक नई याचिका दायर की थी। इसमें कंपनी ने दूरसंचार विभाग (डॉट) से 2016-17 तक के एजीआर बकाया की पुनः जांच करने का अनुरोध किया था। यह मांग कटौती सत्यापन दिशानिर्देशों के तहत की गई थी। इससे पहले इस साल की शुरुआत में दूरसंचार कंपनियों की 2021 में दायर याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था, जिनमें एजीआर गणना में त्रुटियों को सुधारने का अनुरोध किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में याचिका किया था खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में दूरसंचार कंपनियों की याचिका को खारिज कर दिया था। उस आदेश में कोर्ट ने कंपनियों के एजीआर बकाया की पुनर्गणना की मांग को अस्वीकार कर दिया था। सितंबर 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने कुल 93,520 करोड़ के एजीआर बकाया के भुगतान के लिए दूरसंचार कंपनियों को 10 साल की अवधि दी थी। इस विवाद ने टेलीकॉम सेक्टर में भारी अस्थिरता और वित्तीय दबाव माहौल पैदा हो गया था।
नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।
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