#स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप 2022 : सरस्वती शिशु मंदिर मुंगेली की छात्रा भव्या पांडे ने लहराया परचम, बोर्ड परीक्षा में जिले में किया टॉप, सीएम भूपेश ने किया सम्मानित

#स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप 2022 : सरस्वती शिशु मंदिर मुंगेली की छात्रा भव्या पांडे ने लहराया परचम : Saraswati Shishu Mandir Mungeli student Bhavya Pandey waved the flag in board exam

#स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप 2022 : सरस्वती शिशु मंदिर मुंगेली की छात्रा भव्या पांडे ने लहराया परचम, बोर्ड परीक्षा में जिले में किया टॉप, सीएम भूपेश ने किया सम्मानित
Modified Date: November 29, 2022 / 09:19 am IST
Published Date: July 7, 2022 7:55 pm IST

रायपुरः अपने सामाजिक सरोकारो को निभाते हुए IBC24 समाचार चैनल हर साल स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप सम्मान से जिले की टॉपर बेटियों को सम्मानित करता है। इस वर्ष भी प्रदेश टॉपर बेटी-बेटियों को IBC24 स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप से सम्मानित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से आयोजित बोर्ड परीक्षा में मुंगेली की भव्या पांडे ने अपना परचम लहराया है। कड़ी मेहनत से भव्या पांडे ने मैथ्स ग्रुप में 466 अंक हासिल कर जिले में पहला स्थान प्राप्त किया है। उनके इस मेहनत के लिए IBC24 समाचार चैनल की ओर से स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप प्रदान किया जा रहा है।

Read more : मुख्यमंत्री भूपेश ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया ‘स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप प्रोग्राम का’ शुभारंभ, IBC24 न्यूज कर रहा प्रदेश के 35 होनहारों का सम्मान…देखें LIVE 

तनावरहित शिक्षा प्रणाली पर शोध करना चाहती हैं भव्या

भव्या कहती है कि मैं एक शिक्षक परिवार से ताल्लुक रखती हूं। मेरे दादाजी भी शिक्षक थे। वे उसूलों के पक्के ऐसे शिक्षक थे कि बच्चों को अपने बच्चे मानकर पढ़ाते थे। पापा भी सरस्वती शिशु मंदिर में शिक्षक हैं। हमारे यहां शिक्षा का अच्छा माहौल है। इसलिए मैं चाहती हूं कि पढ़-लिखकर मैं भी शिक्षा के क्षेत्र में जाऊं। स्कूल परीक्षाओं के जब नतीजे आते हैं तो हम देखते हैं, बच्चे तनाव लेते हैं। अपनी विफलता या खराब प्रदर्शन से घबरा जाते हैं। कई बार स्टूडेंट सुसाइड भी कर लेते हैं। इस वृत्ति के पीछे हमारी शिक्षा प्रणाली है। मैं चाहती हूं। इस दिशा में गहरे से शोध करूं और ऐसी पेडॉगॉजीज डेवलप करूं जो बच्चों में तनाव नहीं बल्कि उत्साह का संचार करे। इसके लिए मैं शिक्षा का क्षेत्र चुनूंगी, ताकि इस दिशा में कुछ अच्छा किया जा सके। मैं एक साधारण परिवार से आती हूं। घर में खेतीबाड़ी है। संयुक्त परिवार है। जरौंधा नाम का गांव है। मैंने अपनी पढ़ाई मेरी बड़ी मां के घर मुंगेली में रहकर की है। पढ़ाई में सफलता तभी मिल सकती है, जब हम इसकी पूरी तैयारी करें। मैंने अपनी पढ़ाई में ऐसा ही किया। कोर्स को विभक्त किया और उसके अनुरूप समय बांटा। इससे मेरी एप्रोच में सुधार हुआ। मैंने एक-एक विषय को भरपूर समय दिया और समझ-समझकर पढ़ा। आगे की पढ़ाई की योजना भी ऐसी ही है। पढ़ाई में लापरवाही कभी नहीं की। आईबीसी-24 की स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप मिलने से मुझे आगे के रास्ते साफ दिखाई देंगे और यह हम बेटियों को प्रेरित और प्रोत्साहित करने के लिए अच्छा कदम है।

 ⁠


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।