Sattebazi legalized in India: भारत में अब सट्टा खेलना नहीं होगा गैरकानूनी!.. भारी-भरकम टैक्स के साथ मिल सकती मान्यता! बैठक में चर्चा

सट्टा कारोबार को नहीं बल्कि निवेश को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए: नीलेश शाह

Sattebazi legalized in India: भारत में अब सट्टा खेलना नहीं होगा गैरकानूनी!.. भारी-भरकम टैक्स के साथ मिल सकती मान्यता! बैठक में चर्चा

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Modified Date: July 5, 2024 / 12:54 pm IST
Published Date: July 5, 2024 12:26 pm IST

कोलकाता: प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के अंशकालिक सदस्य नीलेश शाह ने कहा कि सट्टा कारोबार पर अंकुश लगाने और दीर्घावधि के लिए निवेश की प्रवृत्ति विकसित करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक शाह ने इस बात पर जोर दिया कि किस प्रकार दीर्घकालिक पूंजी निवेश खुदरा निवेशकों और भारतीय कंपनियों के लिए धन सृजन कर सकता है।

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शाह ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ हमें (सट्टा) कारोबार को हतोत्साहित करना चाहिए ताकि निवेश को बढ़ावा मिले। लोग पैसा खो देते हैं। यदि सरकार वायदा व विकल्प या सट्टा कारोबार के लिए उच्च कराधान पर विचार कर रही है, तो यह सही कदम होगा।’’ मीडिया में जारी उन अटकलों के बारे में पूछे गए एक प्रश्न पर शाह ने यह बात कही, जिनमें कहा गया है कि वित्त मंत्रालय आगामी केंद्रीय बजट में वायदा एवं विकल्प (एफएंडओ) के लेनदेन पर अधिक कर लगाने की योजना बना रहा है।

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मीडिया अटकलों के अनुसार, प्रस्तावित बदलावों में इन लेनदेन को गैर-सट्टा व्यवसाय आय से सट्टा आय के रूप में पुनर्वर्गीकृत करना तथा संभवतः उन पर टीडीएस लगाना शामिल हो सकता है। दूसरी ओर, शाह अनेक चुनौतियों के बावजूद देश की वृद्धि गति, इसकी अपार संभावनाओं और अवसरों के प्रति आशावादी हैं।

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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड को दिए गए अपने बजट-पूर्व ज्ञापन में एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंजेज मेंबर्स ऑफ इंडिया (एएनएमआई) के अध्यक्ष विनोद कुमार गोयल ने सुझाव दिया कि लेनदेन (गैर-डिलीवरी आधारित) से होने वाली आय/हानि (जो उसी दिन चुकता कर दी जाती है) को व्यवसाय आय के बराबर माना जाना चाहिए…सट्टा आय नहीं।

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