2002 के आजमगढ़ हत्याकांड में तीन को आजीवन कारावास की सजा

2002 के आजमगढ़ हत्याकांड में तीन को आजीवन कारावास की सजा

2002 के आजमगढ़ हत्याकांड में तीन को आजीवन कारावास की सजा
Modified Date: November 10, 2025 / 10:29 pm IST
Published Date: November 10, 2025 10:29 pm IST

आजमगढ़ (उप्र), 10 नवंबर (भाषा) जिले की एक स्थानीय अदालत ने यहां एक चुनावी रैली के दौरान राजनीतिक हिंसा की घटना से संबंधित 2002 के हत्या के मामले में सोमवार को तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

अदालत ने प्रत्येक दोषी पर 82,000 रुपये का जुर्माना लगाया है और निर्देश दिया है कि जुर्माने की आधी राशि शिकायतकर्ता को दी जाए।

जिला एवं सत्र न्यायाधीश जय प्रकाश पांडे ने 12 गवाहों की गवाही के बाद कमलेश यादव, इंद्रासन और दिनेश सिंह को भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत दोषी ठहराया।

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सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दीपक मिश्रा ने बताया कि बरेली जेल में बंद दिनेश सिंह वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुनवाई में शामिल हुआ। उसे पूर्व विधायक सर्वेश सिंह उर्फ सीपू हत्याकांड में पहले ही दोषी ठहराया जा चुका है।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान 17 फरवरी 2002 को शिकायतकर्ता हरिशंकर सिंह उर्फ झिनकू सिंह अपने समर्थकों के साथ प्रचार कर रहे थे, तभी कुढ़ी ढाला के पास उनके काफिले पर शिवदास यादव और अन्य लोगों के नेतृत्व में बंदूकों और बमों से लैस एक समूह ने हमला कर दिया। हरिशंकर सिंह उस समय गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र से राष्ट्रीय क्रांति पार्टी के उम्मीदवार थे।

इस हमले में, पिपराहा गांव के राजेश सिंह की हरिशंकर सिंह और अन्य लोगों को बचाने की कोशिश करते समय गोली लगने से मौत हो गई। हरिशंकर सिंह सहित कई लोग घायल हो गए।

मुकदमे की सुनवाई के दौरान, मुख्य आरोपी शिवदास यादव गोरखपुर में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया, जबकि दो अन्य अजय और दीनानाथ की मृत्यु हो गई।

भाषा सं जफर

नोमान

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