गोशाला परिसर में भरे पानी में पाये गये पशुओं के अवशेष : हिंदूवादी संगठनों ने किया हंगामा

गोशाला परिसर में भरे पानी में पाये गये पशुओं के अवशेष : हिंदूवादी संगठनों ने किया हंगामा

गोशाला परिसर में भरे पानी में पाये गये पशुओं के अवशेष : हिंदूवादी संगठनों ने किया हंगामा
Modified Date: August 13, 2025 / 10:59 pm IST
Published Date: August 13, 2025 10:59 pm IST

पीलीभीत (उप्र), 13 अगस्त (भाषा) पीलीभीत के देवीपुरा गोशाला परिसर में बुधवार को कई गोवंशीय पशुओं के अवशेष पानी में उतराते हुए पाए जाने के बाद हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने प्रशासन के विरुद्ध प्रदर्शन करके ज्ञापन दिया।

घटना की सूचना मिलने पर जिलाधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह, मुख्य विकास अधिकारी राजेंद्र और उप जिलाधिकारी श्रद्धा सिंह मौके पर पहुंचे।

जिलाधिकारी ने संवाददाताओं को बताया कि पहले मृत गोवंशीय पशुओं को दफनाया गया था, लेकिन बारिश से मिट्टी कटने के कारण उनके अवशेष ऊपर आ गए। उन्होंने बताया कि तत्काल जेसीबी की मदद से उन्हें फिर से दफना दिया गया।

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हिंदूवादी संगठनों का आरोप है कि गोशाला में समुचित देखभाल नहीं होने से गोवंशीय पशुओं की मौत हो रही है। उन्होंने ग्राम प्रधान पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी की मांग की और मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की धमकी दी है।

स्थानीय लोगों के मुताबिक पीलीभीत के देवपुरा गांव में एक गौशाला का निर्माण कराया गया था। उनके अनुसार उसमें लगभग 350 गौवंशीय पशुओं को रखने की क्षमता थी, वर्तमान में वहां 800 से अधिक पशु रखे गये हैं।

बुधवार को गौशाला के पीछे स्थित चारागाह की जमीन पर कुछ गोवंशीय पशुओं के अवशेषों के पानी में उतराने का वीडियो सामने आने पर ग्रामीणों ने हिंदूवादी संगठनों को इसकी सूचना दी थी। मौके पर पहुंचे हिंदूवादी नेताओं ने हंगामा करते हुए आरोप लगाया कि लापरवाही की वजह से गोवंशीय पशुओं की मौत हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि मृत पशुओं को दफनाने की जगह यूं ही पानी में डाल दिया गया।

हंगामे की सूचना मिलने के बाद जिलाधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह भी गौशाला में पहुंचे और तुरंत पांच वाहनों की मदद से पानी में पड़े गोवंशीय पशुओं के अवशेषों को दफनाने का काम शुरू कराया।

गौशाला की स्थिति देखने के बाद अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने उप जिलाधिकारी श्रद्धा सिंह को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गयी कि देवीपुरा गौशाला के संचालन में लापरवाही बरतने वाले खण्ड विकास अधिकारी, ग्राम प्रधान, सचिव, गौशाला के रखरखावकर्ता और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कठोर कार्रवाई करने की मांग की।

भाषा सं. सलीम अमित

अमित


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