Ayodhya News: रामलला के चरणों में भूटान के प्रधानमंत्री, कल अयोध्या पहुंचकर पीएम दाशो शेरिंग तोबगे लेंगे आशीर्वाद, मंदिर परिसर में रहेगा विशेष पूजन
Ayodhya News: रामलला के चरणों में भूटान के प्रधानमंत्री, कल अयोध्या पहुंचकर पीएम दाशो शेरिंग तोबगे लेंगे आशीर्वाद, मंदिर परिसर में रहेगा विशेष पूजन
Ayodhya News/Image Source: IBC24
- रामलला के दरबार में भूटान का प्रणाम,
- रामलला के दर्शन करेंगे भूटान के प्रधानमंत्री,
- अयोध्या में विशेष तैयारी,
अयोध्या: Ayodhya News: 5 सितंबर को सुबह 9:30 बजे भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे रामनगरी अयोध्या पहुंचेंगे। वे रामलला के दर्शन और विशेष पूजन के बाद करीब दो घंटे राम मंदिर परिसर में रहेंगे। आगमन से पूर्व जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे व एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने सुरक्षा व्यवस्था का गहन निरीक्षण किया। सीडीओ कृष्ण कुमार सिंह और एसपी सुरक्षा बलरामचारी दुबे ने भी श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षित दर्शन के इंतजामों का फीडबैक लिया। एसएसपी ने सुरक्षा एजेंसियों को आपसी समन्वय बनाकर चाक-चौबंद व्यवस्था रखने के निर्देश दिए हैं। मंदिर परिसर से लेकर आगमन मार्ग तक सुरक्षा का विस्तृत खाका तैयार कर लिया गया है।
रामलला के दरबार में भूटान का प्रणाम
Ayodhya News: पावन रामनगरी अयोध्या एक बार फिर ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनने जा रही है। भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे का यह भारत दौरा केवल एक औपचारिक यात्रा नहीं, बल्कि भारत-भूटान के गहरे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों का प्रतीक है। गौरतलब हो कि भूटान, जिसे थंडर ड्रैगन की भूमि कहा जाता है, बौद्ध संस्कृति का एक प्रमुख केंद्र है। बौद्ध धर्म और हिंदू धर्म का रिश्ता केवल धार्मिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक भी है। अयोध्या की यह यात्रा उन सांस्कृतिक धागों को और मजबूत करेगी जो दोनों देशों की आध्यात्मिक विरासत को एक सूत्र में बांधते हैं। रामलला के दरबार में माथा टेकना आस्था का वह भाव है जो सीमाओं से परे है। यह भारत की सांस्कृतिक शक्ति का प्रमाण है कि पड़ोसी देश का प्रधानमंत्री यहां श्रद्धा से आ रहा है।
Ayodhya News: भूटान के पीएम के आगमन को लेकर मंदिर प्रांगण को विशेष रूप से सजाया जा रहा है ताकि आगमन के दौरान रामनगरी की दिव्यता और सांस्कृतिक आभा का संदेश भूटान तक पहुंचे। भारत की प्राचीन परंपरा रही है कि धर्म और संस्कृति से राष्ट्रों के रिश्ते और गहरे होते हैं। भूटान के प्रधानमंत्री की यह यात्रा उसी सांस्कृतिक कूटनीति का हिस्सा है जहां राजनीति पीछे और आध्यात्मिकता आगे होती है। राम मंदिर, जो स्वयं करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी आध्यात्मिक पर्यटन का केंद्र बनता जा रहा है। यह भारत की सॉफ्ट पावर का ज्वलंत उदाहरण है। अयोध्या की गलियां, सरयू का तट और राम जन्मभूमि का प्रांगण एक नए ऐतिहासिक पल का स्वागत कर रहे हैं। जब भूटान के प्रधानमंत्री रामलला के चरणों में प्रणाम करेंगे तब यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं होगा बल्कि भारत की आध्यात्मिक विरासत का वैश्विक उत्सव होगा।

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