संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का काम कर रही है भाजपा : अखिलेश यादव |

संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का काम कर रही है भाजपा : अखिलेश यादव

संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का काम कर रही है भाजपा : अखिलेश यादव

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:39 PM IST, Published Date : June 4, 2022/9:41 pm IST

लखनऊ, चार जून (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि वह संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का काम कर रही है।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को पार्टी मुख्यालय में विधानसभा चुनाव-2022 में पार्टी के प्रत्याशियों, प्रकोष्ठों के राष्ट्रीय एवं प्रदेश अध्यक्षों तथा कुछ प्रमुख जिलाध्यक्षों की बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा, ”भाजपा को संविधान की प्रस्तावना में उल्लिखित समाजवाद, लोकतंत्र तथा पंथनिरपेक्षता पर विश्वास नहीं है। भाजपा संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का काम कर रही है।”

आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा क्षेत्र में 23 जून को होने वाले उपचुनाव की दृष्टि से भी सपा की इस बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

सपा द्वारा जारी बयान के अनुसार, अखिलेश यादव ने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा का वोट प्रतिशत बढ़ा है और आरोप लगाया कि प्रशासन का दुरुपयोग करके कई विधानसभा क्षेत्रों के चुनाव परिणामों को प्रभावित किया गया।

यादव ने आरोप लगाया कि लोकतंत्र में चुनाव आयेाग की भूमिका निष्पक्ष नहीं रही और उसने चुनाव के दौरान पार्टी की शिकायतों का समुचित संज्ञान नहीं लिया। उन्होंने कहा इस बार चुनावों में मतदाता सूची में भी काफी गड़बड़ियां पाई गईं, तमाम मतदाताओं के नाम गायब थे। कई बूथों पर पीठासीन अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध रही।

उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों को मतदान प्रतिशत बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी और अभी से 2024 में लोकसभा चुनाव और 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियां करने, संगठन को मजबूती देने तथा बूथ स्तर पर चिह्नित करके वोट बढ़ाने पर विशेष बल दिया।

यादव ने दावा किया कि गांव-गरीब भाजपा की प्राथमिकता में नहीं है और वह समाज में नफरत और तनाव फैला कर राज कर रही है। भाजपा की इस राजनीति से सभी को सावधान करते हुए यादव ने कहा, ”समाजवादी पार्टी संविधान और सामाजिक सौहार्द के लिए प्रतिबद्ध है।”

उन्होंने जनता से अपील की कि वह शांति व्यवस्था बनाएं रखे और माहौल बिगाड़ने वालों के इरादों को सफल न होने दे।

भाषा आनन्द अर्पणा

अर्पणा

 

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