जातिगत जनगणना देश के विकास में मील का पत्थर साबित होगी: दानिश आज़ाद अंसारी

जातिगत जनगणना देश के विकास में मील का पत्थर साबित होगी: दानिश आज़ाद अंसारी

जातिगत जनगणना देश के विकास में मील का पत्थर साबित होगी: दानिश आज़ाद अंसारी
Modified Date: June 16, 2025 / 07:42 pm IST
Published Date: June 16, 2025 7:42 pm IST

बलिया (उप्र), 16 जून (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने जातिगत जनगणना की वकालत करते हुए सोमवार को कहा कि यह देश के विकास में मील का पत्थर साबित होगी और देश के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।

अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री और हज कमेटी के अध्यक्ष अंसारी ने सोमवार दोपहर जिला मुख्यालय के लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण भवन में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘जातिगत जनगणना बहुत जरूरी है। देश का विकास जाति की धुरी पर आधारित है। जाति की धुरी पर आधारित होने के कारण जातिगत जनगणना देश के विकास में मील का पत्थर साबित होगी। यह देश के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।’’

वर्ष 2011 में पिछली जनगणना के सोलह साल बाद, सरकार ने सोमवार को भारत की 16वीं जनगणना करने के लिए एक अधिसूचना जारी की, जिसमें 2027 में जातिगत गणना शामिल होगी।

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अधिसूचना में कहा गया है कि लद्दाख जैसे बर्फीले क्षेत्रों में एक अक्टूबर, 2026 और देश के बाकी हिस्सों में एक मार्च, 2027 को संदर्भ तिथि के साथ जनगणना की जाएगी। आगामी जनगणना में जाति की गणना भी की जाएगी, जो आजादी के बाद पहली बार होगी।

पिछली व्यापक जाति आधारित गणना अंग्रेजों ने 1881 से 1931 के बीच करायी थी। आजादी के बाद से की गई सभी जनगणनाओं से जाति को बाहर रखा गया था। आगामी जनगणना में जाति गणना को शामिल करने का फैसला 30 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने लिया था।

भाषा सं आनन्द

राजकुमार

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