सफल और प्रभावी अधिकारी बनने के लिए ‘संवाद, संवेदनशीलता और सकारात्मकता’ जरूरी : योगी आदित्यनाथ

सफल और प्रभावी अधिकारी बनने के लिए 'संवाद, संवेदनशीलता और सकारात्मकता' जरूरी : योगी आदित्यनाथ

सफल और प्रभावी अधिकारी बनने के लिए ‘संवाद, संवेदनशीलता और सकारात्मकता’ जरूरी : योगी आदित्यनाथ
Modified Date: July 4, 2025 / 04:55 pm IST
Published Date: July 4, 2025 4:55 pm IST

लखनऊ, चार जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को राज्य प्रशासनिक सेवा (पीसीएस) के प्रशिक्षु अधिकारियों से चुनौतियों पर खरा उतरने की अपेक्षा करते हुए कहा कि सफल और प्रभावी अधिकारी बनने के लिए ‘संवाद, संवेदनशीलता और सकारात्मकता’ जरूरी है।

यहां जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक पीसीएस-2022 बैच के सात और 2023 बैच के 38 प्रशिक्षु अधिकारियों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को कहा, “उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य के प्रशासन का महत्वपूर्ण हिस्सा बनना, बड़ी चुनौतियों से भरा है और यह चुनौतियां ही आपके व्यक्तित्व को निखारेंगी।”

मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा, “ उत्तर प्रदेश जैसे राज्य की सेवा का अवसर प्राप्त होना न केवल गौरव की बात है, बल्कि यह आपके व्यक्तित्व और दृष्टिकोण को गहराई से परखने और निखारने का भी माध्यम है।”

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उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के उपरांत सेवा के प्रारंभिक पांच-छह वर्षों के दौरान अधिकारियों का व्यवहार, दृष्टिकोण और कार्यशैली उनके आने वाले तीन-चार दशकों की दिशा तय कर देता है।

योगी ने कहा, ‘जनता से जुड़ाव और फैसलों में योग्यता को प्राथमिकता दीजिए। एक अधिकारी के रूप में सभी गरीब और कमजोर वर्ग के प्रति संवेदनशील व्यवहार रखें।”

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों का ध्यान भूमि विवादों, पैमाइश और मेड़बंदी जैसे विषयों की ओर आकर्षित करते हुए कहा कि इनमें देरी से जनता में निराशा आती है, इन विषयों के प्रति विशेष संवेदनशीलता होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि लोगों को त्वरित न्याय दिलाना अधिकारियों की कार्यशैली का हिस्सा होना चाहिए और प्रदेश में राजस्व के लाखों मामले लंबित हैं इसलिए अधिकारियों के निर्णयों और सक्रियता से लोगों को राहत मिल सकती है।

मुख्यमंत्री ने सभी प्रशिक्षु अधिकारियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा, ‘आपका योगदान आने वाले समय में राज्य की नीति और जनता की नियति दोनों को प्रभावित करेगा। पूरी निष्ठा और पारदर्शिता के साथ कार्य करें।’

भाषा

आनन्द, रवि कांत

रवि कांत


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