आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव की मतगणना रविवार सुबह से होगी

आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव की मतगणना रविवार सुबह से होगी

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  • Publish Date - June 25, 2022 / 05:49 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:49 PM IST

लखनऊ, 25 जून (भाषा) उत्तर प्रदेश में रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में मतदान के बाद अब रविवार को मतगणना होगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।

उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई—भाषा’ को बताया कि ‘रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्रों के लिए हुए उपचुनावों की मतगणना रविवार को आठ बजे से शुरू होगी।’

आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव के लिए 23 जून को क्रमश:49.43 फीसदी और 41.39 फीसदी मतदान हुआ था। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के इस्तीफे के बाद रामपुर सीट रिक्त हुई है। इस सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में 63.19 प्रतिशत मतदान हुआ था।

आजमगढ़ से 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा प्रमुख अखिलेश यादव जीते थे और तब आजमगढ़ में 57.56 प्रतिशत मतदान हुआ था। यादव के विधायक बनने के बाद इस्तीफा देने से आजमगढ़ में उपचुनाव घोषित हुआ। इन दोनों निर्वाचन क्षेत्रों के उपचुनावों में 19 उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं और वहां 35 लाख से अधिक मतदाता हैं।

इस बीच शुक्रवार को रामपुर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार असीम राजा ने निष्पक्ष मतगणना की मांग की है। उन्होंने रामपुर में संवाददाताओं से कहा ‘मतगणना निष्पक्ष होनी चाहिए और और मतों की गिनती की घोषणा क्रमवार की जानी चाहिए।’

रामपुर के उप जिला चुनाव अधिकारी वैभव शर्मा ने शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया था कि मतों की गणना चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त तीन पर्यवेक्षकों की निगरानी में भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के दिशा-निर्देशों के अनुसार की जाएगी। शर्मा का दावा था कि ‘मतगणना निष्पक्ष रूप से होगी।’

चुनाव आयोग के मुताबिक आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में 13 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई और वहां 18.38 लाख मतदाता हैं। रामपुर से छह उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं और वहां 17.06 लाख पंजीकृत मतदाता हैं।

रामपुर से भाजपा ने घनश्याम लोधी और सपा ने असीम राजा को उम्मीदवार बनाया जबकि मायावती के नेतृत्व वाली बसपा रामपुर में चुनाव नहीं लड़ी।

आजमगढ़ सीट पर 2019 में सपा प्रमुख अखिलेश यादव से पराजित हो चुके भोजपुरी गायक और अभिनेता दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ को भाजपा ने दोबारा मौका दिया जबकि सपा से अखिलेश यादव के चचेरे भाई पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव और बसपा से शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखा गया।

भाषा आनन्द

राजकुमार

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